भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और केंद्रीय वित्त मंत्री के अलग-अलग विचार बुधवार को एक बार फिर सबके सामने आ गए जब राजन ने दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थ के तमगे को लेकर लोगों से उन्माद में नहीं आने की बात कही।
भारत को प्राय: वैश्विक अर्थव्यस्था में चमकता बिंदु बताए जाने के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को लगता है कि यह कुछ-कुछ अंधों में काना राजा जैसा मामला है। कमजोर वैश्विक आर्थिक हालात के बीच आईएमएफ सहित विभिन्न संस्थानों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को आर्थिक वृद्धि के लिहाज से चमकते बिंदुओं में से एक करार दिया है। राजन की अगुवाई में रिजर्व बैंक को भी इस बात का श्रेय दिया जाता है कि उसने देश की वित्तीय प्रणाली को बाहरी झटकों से बचाने के लिए उचित कदम उठाए हैं।
देश के 7,500 किलोमीटर लंबे समुद्री तट को आर्थिक वृद्धि का इंजन बनाने की जरूरत पर बल देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई में कहा कि भारत बंदरगाह-विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये के निवेश जुटाना चाहता है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशकों को इस कार्य में निवेश का न्यौता दिया।
आरबीआई ने नीतिगत दरों में बदलाव का ऐलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है, इस तरह अब रेपो रेट घटकर 6.50 फीसदी हो गया है। इस 0.25 फीसदी की कटौती से रेपो रेट मार्च 2011 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है। लेकिन आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 5.75 फीसदी करने का ऐलान किया है।
ब्रसेल्स हमलों के बाद भड़की मुस्लिम विरोधी भावनाओं के बीच पोप फ्रांसिस ने मुस्लिम, ईसाई एवं हिंदू शरणार्थियों को एक ही ईश्वर की संतान बताते हुए उनके पैर धोए और उन्हें चूमा।
दलाल पथ स्थित बंबई शेयर बाजार में आज उस समय हाहाकार मच गया जब भारी गिरावट दर्ज करते हुए सेंसेक्स 807.07 अंक टूटकर 23,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया। सेंसेक्स का यह पिछले 21 महीने का निचला स्तर होने के साथ ही छह महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। आज की गिरावट से निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज केंद्रीय बैंक की नीतिगत ब्याज दर अपरिवर्तित रखते हुए संकेत दिया कि मौद्रिक नीति आगे भी नरम रखी जाएगी। उन्होंने कहा है कि मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब पहुंच रही है एेसे में दर कम करने का अवसर मिलेगा ताकि आर्थिक वृद्धि में मदद हो सके।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अभी तक शेयर बाजारों से 9,500 करोड़ रुपये की निकासी की है। वैश्विक वृद्धि को लेकर चिंता तथा कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से यह निकासी हुई है।
दुनिया भर में अनिवासी भारतीयों की आबादी सर्वाधिक है। अंतरराष्ट्रीय प्रवासी चलन पर संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम सर्वे के अनुसार, वर्ष 2015 में करीब 1.6 करोड़ भारतीय अपने देश से बाहर रह रहे थे।