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Search Result : "प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण"

देश के 13 राज्यों में सूखे की स्थिति, कृषि योग्य भूमि में लगातार कमी

देश के 13 राज्यों में सूखे की स्थिति, कृषि योग्य भूमि में लगातार कमी

देश के 13 राज्य गंभीर सूखे के संकट से जूझ रहे हैं। देश में औसतन हर साल 30 हजार हेक्टेयर खेती योग्य भूमि कम हो रही है। पर्यावरणविदों ने सरकार से मांग की है कि सूखे की समस्या के निपटारे के लिए दीर्घाकालीन पहल करने की जरूरत है।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 2446 करोड़ रूपये की परियोजनाओं को मंजूरी

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 2446 करोड़ रूपये की परियोजनाओं को मंजूरी

नमामि गंगे कार्यक्रम को महत्‍वपूर्ण गति प्रदान करते हुए राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की अधिकार प्राप्‍त संचालन समिति ने उत्‍तराखंड में हरिद्वार से उत्‍तराखंड की सीमा तक, उत्‍तर प्रदेश में गढ़मुक्‍तेश्‍वर, बिहार में बक्‍सर, हाजीपुर और सोनपुर, झारखंड में साहेबगंज, राजमहल और कन्‍हैया घाट में गंगा के तट पर तथा दिल्‍ली में यमुना पर घाटों और श्मशान स्‍थलों के विकास की परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर 2446 करोड़ रूपये खर्च होंगे। इन स्‍थानों पर घाटों और श्‍मशान स्‍थलों के विकास से गंगा और यमुना में प्रदूषण में कमी आयेगी। इन सभी परियोजनाओं को केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत कार्यान्वित किया जाएगा और इनका पूरा खर्चा केंद्र सरकार उठायेगी।
प्रबंधन, आईटी, विधि की पढ़ाई हिंदी में कराने की पहल

प्रबंधन, आईटी, विधि की पढ़ाई हिंदी में कराने की पहल

हिंदी भाषी छात्रों के लिए प्रबंधन, आईटी, फिल्म, पत्रकारिता जैसे विषयों में रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा ने इन विषयों में हिंदी माध्यम में पाठ्यक्रम तैयार किए हैं और शिक्षा को आगे बढ़ाने की पहल की है।
बेरोजगारों की फौज खड़ी कर रहे हैं ज्यादातर बिजनेस स्कूल: एसोचैम

बेरोजगारों की फौज खड़ी कर रहे हैं ज्यादातर बिजनेस स्कूल: एसोचैम

मोटी रकम लेकर एमबीए का कोर्स करा रहे ज्यादातर बिजनेस स्कूलों से बेरोजगारों और अर्द्धबेरोजगार पेशेवरों की खेप दर खेप निकल रही हैं। उद्योग मण्डल एसोचैम के एक ताजा अध्ययन में किए गए महत्वपूर्ण सर्वेक्षण में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।
सरकारों ने ही बिगाड़े हालात : राजेंद्र सिंह

सरकारों ने ही बिगाड़े हालात : राजेंद्र सिंह

जल पुरुष के नाम से विख्यात, पानी के नोबल पुरस्कार माने जाने वाले स्कॉटहोम वाटर और मैगसायसाय अवॉर्ड से नवाजे गए राजेंद्र सिंह का मानना है, देश में पानी की कमी राजनेताओं की देन है और सामुदायिक विकेंद्रीय जल प्रबंधन से हालात सुधारे जा सकते हैं। आउटलुक के साथ उन्होंने पानी की समस्या और समाधान पर बात की। पेश हैं प्रमुख अंश:
इक्वाडोर भूकंप: 413 मरे, अब भी मलबे में फंसे हैं कई लोग

इक्वाडोर भूकंप: 413 मरे, अब भी मलबे में फंसे हैं कई लोग

भूकंप से थर्राए इक्वाडोर में बचाव कर्मी और अपनों के खोने से हताश परिवार मलबे में दबे लोगों को तलाश कर रहे हैं। दो दिन पहले आए इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 413 लोगों की जान जा चुकी है।
मंदिर हादसा: प्रबंधन समिति के दो सदस्य गिरफ्तार, पांच ने किया सरेंडर

मंदिर हादसा: प्रबंधन समिति के दो सदस्य गिरफ्तार, पांच ने किया सरेंडर

केरल के कोल्लम स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर की प्रबंधन समिति के पांच फरार सदस्यों ने आज तड़के आत्मसमर्पण कर दिया। दो अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। राज्य में किसी मंदिर में हुए अब तक के सबसे भयंकर हादसे में 109 लोगों की जान चली गई।
केरल: पूजा स्थलों के निकट तेज आवाज वाली आतिशबाजी पर बैन

केरल: पूजा स्थलों के निकट तेज आवाज वाली आतिशबाजी पर बैन

कोल्लम के निकट मंदिर में हुए हादसे को लेकर सख्त केरल उच्च न्यायालय ने राज्य में पूजा स्थलों के आसपास तेज आवाज वाली आतिशबाजी पर प्रतिबंधित लगा दिया। वहीं रविवार को पुत्तिंगल मंदिर हादसे के सिलसिले में मंदिर प्रबंधन समिति के सात सदस्यों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हादसे में अब तक 112 लोगों की मौत हो गई है।
दलितो का सम्मान नहीं करती भाजपा, मधु पर कार्रवाई दिखावा: मायावती

दलितो का सम्मान नहीं करती भाजपा, मधु पर कार्रवाई दिखावा: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने दलितों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में उत्तर प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष के निष्कासन को दिखावटी और खानापूर्ति करार देते हुए कहा कि भाजपा अगर दलित सम्मान के मामले में इतनी ही गंभीर है तो उसे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह के खिलाफ सबसे पहले कार्रवाई करनी चाहिए।
आवरण कथा- पार्टी नेतृत्व की लगाम मैनेजर के हाथों में

आवरण कथा- पार्टी नेतृत्व की लगाम मैनेजर के हाथों में

भारत के राजनीतिक भविष्य का एजेंडा कॉरपोरेट घराने तय कर रहे हैं। इस कारण प्रबंधन कंपनियों या यूं कहें कि कई प्रबंधन गुरुओं की पौ-बारह हो गई है और राजनीतिक दल उनके सामने नतमस्तक दिख रहे हैं।
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