देश भर के स्वायत्त संस्थानो पर मोदी सरकार चोट करने जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा 679 स्वायत्तशासी संस्थानों की समीक्षा के पहले चरण में 114 संस्थानों की समीक्षा कर ली गई है। इस दौरान निशाने पर देश के तीन प्रमुख शिक्षण संस्थान हैं। जिसमें आईआईएमसी, एफटीआईआई और एसआरएफटीआई शामिल हैं।
नक्सलियों ने 29 मई को झारखंड में बंद का आह्वान किया है। इस दौरान नक्सलियों ने हजारीबाग स्टेशन के पास पटरी को उड़ा दिया। एक बोलेरो गाड़ी को भी नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया।
उत्तर प्रदेश में हिंदू युवा वाहिनी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। मेरठ में लव जिहाद के नाम पर हिंदू युवा वाहिनी के लोगों ने साथ रह रहे एक लड़के और लड़की को पकड़ा, उनके साथ मारपीट की और पुलिस के हवाले कर दिया।
टीवी अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी के आत्महत्या मामले में एक नया मोड़ आ गया है। टीवी निर्माता और प्रत्यूषा के होने वाले पति राहुल राज सिंह के वकील ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। राहुल राज सिंह पर अपनी प्रेमिका और अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
जब भारत-पाकिस्तान का मैच हो तो कोई तर्क-वितर्क काम नहीं करता है। जैसे पर्यावरण की चिंता करने वाले भी यह याद नहीं रखेंगे कि आज अर्थ अवर है जिसमें हर साल एक घंटे के लिए बिजली बंद रखी जाती है।
सालों से फरार चल रहे उल्फा के शीर्ष नेता अनूप चेतिया को बांग्लादेश ने भारत को सौंप दिया है। कई गंभीर अपराधों में वांछित चेतिया पिछले दो दशक से भी अधिक समय से फरार था।
युवा व्यंग्यकार और पत्रकार अनुज खरे ने आज के समय पर करारी चोट करते हुए एक नाटक लिखा, नौटंकी राजा। नाटक राजनीतिक, सामाजिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में हो रहे पतन पर बहुत गहरे तरीके से अपनी बात रखता है। इस नाटक की सबसे बड़ी खासियत रही हंसी-हंसी में बड़ी बात को आसानी से कह देना। पिछले दिनों, पंचानन पाठक नाट्य समारोह के तहत एलटीजी ऑडिटोरियम में इस व्यंग्य नाटक का मंचन हुआ।
मुंबई पुलिस ने 13 दंपतियों और 35 अन्य को यहां होटलों और समुद्र तट पर छापेमारी करके गिरफ्तार किया है। उन पर सार्वजनिक रूप से कथित तौर पर आपत्तिजनक व्यवहार करने का आरोप है। पुलिस की इस कार्रवाई ने सोशल मीडिया में तूफान खड़ा कर दिया है। सवाल उठ रहा है कि क्या आपसी रजामंदी से दो वयस्क साथ नहीं रह सकते हैं।
पीआईबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को अशुद्ध हिंदी में दी गई श्रद्धांजलि। इससे सरकार की हिंदी के प्रति सजगता की खुली पोल