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Search Result : "प्रेस की आजादी"

भारत में मानवाधिकार और धार्मिक आजादी कम हुई: मानवाधिकार संस्था

भारत में मानवाधिकार और धार्मिक आजादी कम हुई: मानवाधिकार संस्था

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली मोदी सरकार के दो साल के शासनकाल में मानवाधिकार और धार्मिक आजादी कम होने का दावा किया है। कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को भारत की अमेरिका के साथ होने वाली नियमित वार्ता का अंग बनाने को कहा है।
हिलेरी ने रचा इतिहास, बनेगीं पहली महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार

हिलेरी ने रचा इतिहास, बनेगीं पहली महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार

अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए पहली बार किसी प्रमुख पार्टी की उम्मीदवार बन इतिहास रचने जा रही हैं हिलेरी क्लिंटन। उन्होंने न्यूजर्सी और न्यू मैक्सिको प्राइमरी में निर्णायक जीत के बाद बुधवार को राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी की दावेदारी की।
सांप्रदायिकता की काट के लिए गैर मुस्लिम भी रखें एक दिन रोजा: जस्टिस काटजू

सांप्रदायिकता की काट के लिए गैर मुस्लिम भी रखें एक दिन रोजा: जस्टिस काटजू

भारतीय प्रेस काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने मंगलवार से शुरू हो रहे रमजान के महिने में सभी गैर मुस्लिमों से एक दिन रोजा रखने की अपील की है। काटजू ने ऐसा मुस्लिमों के साथ एकजुटता दिखाने और सांप्रदायिकता के जहर को खत्म करने के मकसद से कहा है।
भाजपा महासचिव के बोल : साबरमती के संत ने नहीं, अमर क्रांतिकारियों ने दिलाई आजादी

भाजपा महासचिव के बोल : साबरमती के संत ने नहीं, अमर क्रांतिकारियों ने दिलाई आजादी

विवादित बयान देने में भाजपा नेताओं का कोई मुकाबला नहीं है। पार्टी के बड़े नेता विवाद भरे बयान देेकर चर्चा में आने से नहीं चूकते हैं। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अब राष्‍ट्रपति महात्‍मा गांधी पर ऊंगली उठाई है। वियवर्गीय ने साफ कहा है कि आजादी में महात्‍मा गांधी की कोई भूमिका नहीं थी।
चर्चाः परदेसी का दर्द जाने न कोई | आलोक मेहता

चर्चाः परदेसी का दर्द जाने न कोई | आलोक मेहता

परदेसी होने का आनंद बहुत दिखाई देता है लेकिन उनके दिल का दर्द आसानी से नहीं समझा जा सकता। भारत से जाकर परदेस में बसे भारतीयों पर हमें गौरव महसूस होता है।
चर्चाः शाह की चुप्पी की सलाह कितनी जायज

चर्चाः शाह की चुप्पी की सलाह कितनी जायज

ताकत मौन में या मीडिया के पास? मीडिया कहां चुप रहे, कहां मुंह खोले और कहां ध्यान दे? सत्ता में आने के बाद अधिकांश राजनेता मीडिया को नई राह दिखाने की कोशिश करते हैं। पत्रकारिता की ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने वाले एक वर्ग के कारण मीडिया को घेरने की गुंजाइश बनती है।
अंग्रेजों के एजेंट थे सावरकरः काटजू

अंग्रेजों के एजेंट थे सावरकरः काटजू

एक ओर जहां केंद्र सरकार आज देश में विनायक दामोदर सावरकर जयंती मना रही है वहीं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने सावरकर के स्वतंत्रता सेनानी होने पर ही सवाल उठा दिए हैं और कहा है कि वह अंग्रेजों के एजेंट थे।
माल्‍या लौटने को राजी, चाहते हैं आजादी और सुरक्षा, लोन भी चुकाएंगे

माल्‍या लौटने को राजी, चाहते हैं आजादी और सुरक्षा, लोन भी चुकाएंगे

बैंकों के 9000 करोड़ का लोन नहीं चुकाने पर दिवालिया घोषित हो चुके विजय माल्या जल्‍द भारत लौटना चाहते हैं। लेकिन इसके लिए उन्‍होंने कुछ शर्त रखी है। मीडिया की खबरों के अनुसार माल्या का कहना है कि उनकी सुरक्षा और आजादी का सरकार को पूरा भरोसा देना होगा।
‘भारत में मीडिया के लिए खतरनाक माहौल’

‘भारत में मीडिया के लिए खतरनाक माहौल’

भारत पत्रकारों पर हमले के मामले में विश्व में 13वें नंबर पर है और भारत में उत्तर प्रदेश इस मामले में पहले नंबर एक पर। हाल ही में झारखंड में पत्रकार अखिलेश प्रताप सिंह और उसके बाद बिहार के सीवान जिले में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या ने देश में पत्रकारों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
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