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Search Result : "फसल बीमा योजना"

कैबिनेट ने नमामी गंगे को योजना को मंजूरी दी

कैबिनेट ने नमामी गंगे को योजना को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार की फ्लैगशिप योजना नमामि गंगे को मंजूरी दे दी गई। इस योजना के तहत गंगा नदी को समग्र तौर पर संरक्षित और स्‍वच्‍छ करने के कदम उठाए जाएंगे। इस पर अगले पांच साल में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
अमेरिका पर बड़े हमले की योजना बना रहा था ओसामा

अमेरिका पर बड़े हमले की योजना बना रहा था ओसामा

मई 2011 में मारे जाने से कुछ माह पहले अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन अपना पूरा ध्यान अमेरिका के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर हमला बोलने पर केंद्रित कर रहा था।
घर गरीबों के लिए, मासिक किस्त 34 हजार रुपये

घर गरीबों के लिए, मासिक किस्त 34 हजार रुपये

उत्तर प्रदेश में गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाएं कैसे गरीबों का मजाक बनाती हैं उसकी एक बानगी भर है समाजवादी आवास योजना। पूरे जोर-शोर से शुरू की गई समाजवादी आवास योजना के तहत सिर पर छत पाने के लिए गरीबों को 34 हजार रुपये की मासिक किस्त देनी होगी।
टाटा मोटर्स ने डीजल नैनो योजना टाली

टाटा मोटर्स ने डीजल नैनो योजना टाली

टाटा मोटर्स ने डीजल नैनो कार बाजार में उतारने की योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी है। वाहन में संशोधन और इसके आर्थिक पहलुओं को देखते हुए कंपनी निकट भविष्य में डीजल नैनो का उत्‍पादन नहीं करेगी।
ऐसी नीतियों से कतई नहीं मिलेगा किसान को मुआवजा

ऐसी नीतियों से कतई नहीं मिलेगा किसान को मुआवजा

केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किसानों की मदद के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। फसलों को हुए नुकसान के सर्वे की रस्म अदायगी भी जारी है। लेकिन मेहनत की कमाई लुटा चुके किसानों के हाथ से मुआवजा अभी दूर है। दरअसल, फसलों के बीमा और मुआवजे की प्रक्रिया में इतने झोल हैं कि किसान तक सिर्फ आश्‍वासन ही पहुंच पाते हैं।
11 महीने बाद स्‍मार्ट सिटी मिशन को कैबिनेट की मंजूरी

11 महीने बाद स्‍मार्ट सिटी मिशन को कैबिनेट की मंजूरी

मोदी की पंसदीदा स्‍मार्ट सिटी योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिलने में ही 11 महीने का समय लग गया। इस बीच, केंद्र सरकार ने जेएनएनयूआरएम के दूसरे चरण की योजना से नेहरू का नाम हटा दिया है।
किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

23 अप्रैल 2015 को दौसा के गजेंद्र सिंह के रूप में देश के हाहाकार ने जंतर-मंतर पर दम तोड़ दिया। उसकी चीखती खामोशी को सत्‍ता और मीडिया की धडक़नों में एक और हाहाकार के रूप में धड़कना चाहिए था।
गजेंद्र सिंहः राजनीति और साफा कारोबार से आत्महत्या तक

गजेंद्र सिंहः राजनीति और साफा कारोबार से आत्महत्या तक

जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह कल्याणवत की खुदकुशी ने संसद से लेकर देश भर में बहस छेड़ दी है। गजेंद्र राजस्थान के दौसा जिले के एक गांव के रहने वाले थे। उन्हें किसान बताया तो जा रहा है लेकिन वह सिर्फ किसान नहीं थे बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से सक्रिय और जागरुक नागरिक भी थे। इस वर्ष उनकी सारी फसल बरबाद हो गई थी जिस वजह से वह आहत थे।
किसानों पर दोहरी मार, इस साल भी कमजोर मानसून की आशंका

किसानों पर दोहरी मार, इस साल भी कमजोर मानसून की आशंका

नई दिल्‍ली। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार झेल रहे किसानों पर इस साल दोहरी मार पड़ने जा रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल मानसून सामान्‍य से 7 फीसदी कम रहेगा। मानसून पर अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते बारिश का इंतजार लंबा खिंच सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल भी मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देश में सामान्‍य से 12 फीसदी कम बारिश हुई थी। गौरतलब है कि भारत में 70 फीसदी बारिश मानसून सीजन के दौरान पड़ती है।
वसुंधरा के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था मृतक किसान

वसुंधरा के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था मृतक किसान

जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में आत्महत्या करने वाला किसान गजेंद्र सिंह राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था। गोंडा से आए किसान दिग्गज सिंह और उनके साथियों के अनुसार वह बोल रहा था ‘ वसुंधरा राजे मुर्दाबाद’ ।
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