रविंद्र जडेजा ने भारत के वेस्टइंडीज बोर्ड अध्यक्ष एकादश के खिलाफ दूसरे मैच के दूसरे दिन शानदार फार्म जारी रखते हुए तीन विकेट चटकाने के बाद अर्धशतकीय पारी खेली।
रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अमित मिश्रा की स्पिन तिकड़ी के दम पर भारत ने दूसरे और आखिरी अभ्यास मैच के पहले दिन वेस्टइंडीज बोर्ड अध्यक्ष एकादश को सिर्फ 180 रन पर समेट दिया।
वेस्टइंडीज बोर्ड अध्यक्ष एकादश के खिलाफ सेंट किट्स में शनिवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय अभ्यास मैच से पहले भारत के नये मुख्य कोच अनिल कुंबले की नजरें तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की फिटनेस और सलामी बल्लेबाज शिखर धवन की फार्म पर रहेंगी।
विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने के लिये गुरुवार को सेंट किट्स पहुंची। श्रृंखला का पहला मैच 21 जुलाई से एंटीगा में खेला जाएगा।
मैन आफ द मैच ओलिवर गिरोड के दो गोल की मदद से फ्रांस ने यूरो 2016 फुटबाल टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाई लेकिन 2-5 की हार के बावजूद आईसलैंड ने टूर्नामेंट से शान के साथ विदाई ली।
यूरो कप के तीसरे क्वार्टर फाइनल में रविवार को जर्मनी ने पेनल्टी शूटआउट में इटली को 6-5 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। इसके साथ ही यह मैच यूरो कप के इतिहास के सबसे रोमांचक मुकाबलों में भी शुमार हो गया।
देश बड़ा है या क्लब ? जो लोग लियोनेल मेसी के खेल में कोई कमी नहीं ढूंढ़ पाते, वे अंत में यही सवाल उछाल देते हैं। जैसा कि इन दिनों हो रहा है। आलोचक आंकड़ों के जरिये यह कुतर्क दे रहे हैं कि लियोनेल मेसी का दिल देश के लिए नहीं, क्लब के लिए धडक़ता है। क्लब के लिए वह जी-जान एक कर देते हैं लेकिन देश के लिए उनके मन में तरंगें तक नहीं उठतीं। और यह सब ऐसे खिलाड़ी के लिए कहा जा रहा है जो कई वर्षों से अर्जेंटीना की टीम की ताकत बना हुआ है। जिसके बूते अर्जेंटीना की टीम विश्वकप फाइनल खेलती है, लगातार दो बार कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंची है। कोई यह सवाल नहीं उठाता कि अर्जेंटीना तो फाइनल में पहुंचने लायक ही नहीं थी लेकिन इसके बावजूद मेसी उसे यहां तक ले आए। हां, फाइनल न जीत पाने का ठीकरा आलोचक जरूर उनके सिर पर फोड़ते रहे हैं। देश उनके लिए क्या है? यह उनका संन्यास का फैसला ही बता देता है।
कोपा अमेरिका के फाइनल में चिली से अर्जेंटीना के हारने के बाद स्टार फुटबालर लियोनेल मेसी ने सनसनीखेज ढंग से अंतरराष्ट्रीय फुटबाल को अलिवदा कहने का ऐलान कर दिया।
भारतीय टीम के लिये जिम्बाब्वे के खिलाफ संक्षिप्त दौरा इतना आसान नहीं रहा, विशेषकर ट्वेंटी20 में लेकिन भारतीय कोच संजय बांगड़ का कहना है कि युवा खिलाड़ी इसमें प्रभावित करने में सफल रहे।