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Search Result : "बंदूक"

पुलवामा हमले के 100 घंटे के भीतर जैश का नेतृत्व किया खत्म, जो बंदूक उठाएगा वो मारा जाएगा- सेना

पुलवामा हमले के 100 घंटे के भीतर जैश का नेतृत्व किया खत्म, जो बंदूक उठाएगा वो मारा जाएगा- सेना

सेना ने मंगलवार को कहा कि पुलवामा हमले के 100 घंटे से भी कम समय में कश्मीर में जैश के नेतृत्व को खत्म कर...
PM मोदी ने कहा- बच्चों के हाथ में बंदूक थमा रहे अर्बन माओवादी, कांग्रेस को इनसे हमदर्दी

PM मोदी ने कहा- बच्चों के हाथ में बंदूक थमा रहे अर्बन माओवादी, कांग्रेस को इनसे हमदर्दी

छत्तीगसढ़ में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सभी दल प्रचार के लिए पूरी तरह जुट गए हैं। भारतीय...
एक्ट्रेस ने पुलिस पर तानी नकली बंदूक, बदले में अधिकारियों ने भी चला दी गोली, हुई मौत

एक्ट्रेस ने पुलिस पर तानी नकली बंदूक, बदले में अधिकारियों ने भी चला दी गोली, हुई मौत

हॉलीवुड एक्ट्रेस वैनेसा मार्केज को पुलिस ने उनके लॉस एंजिलिस स्थित घर में गोली मार दी। दरअसल, पुलिस ने...
रामनवमी पर रैली में हथियार लहराने से भड़की ममता, पूछा- कभी राम को बंदूक के साथ देखा है?

रामनवमी पर रैली में हथियार लहराने से भड़की ममता, पूछा- कभी राम को बंदूक के साथ देखा है?

पश्चिम बंगाल में रामनवमी के मौके पर बीजेपी और टीएमसी की ओर से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी...
जरा सा निशाना चूक गई बाबूमोशाय की बंदूक

जरा सा निशाना चूक गई बाबूमोशाय की बंदूक

बाबूमोशाय बंदूकबाज फिल्म के शीर्षक से यह तो पता चल रहा है कि यह बंदूक की कहानी है। बंदूक होगी तो गोलियां भी होंगी, गोलियां होंगी तो गालियां खुद ब खुद चली आएंगी और खून...वह तो फैलेगा ही।
मणिशंकर अय्यर ने मोदी से कहा- बंदूक की नोंक पर कश्मीर की हिंसा हल नहीं हो सकती

मणिशंकर अय्यर ने मोदी से कहा- बंदूक की नोंक पर कश्मीर की हिंसा हल नहीं हो सकती

आतंकी कमांडर बुरहान वाली की बरसी से एक दिन पहले यानि 7 जुलाई को कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के बयान पर अपनी कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सोज ने कहा था कि मेरा बस चलता तो मैं बुरहान को जिंदा रखता और उससे बात करता।
सहारनपुर: बंदूक के साये में संपन्न हुई दलित परिवार की दो बेटियों की शादी

सहारनपुर: बंदूक के साये में संपन्न हुई दलित परिवार की दो बेटियों की शादी

हिंसा की आग में पिछले कई दिनों से सुलग रहे सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में शुक्रवार को पहली बार खुशी का महौल देखने को मिला। इस खुशी का कारण कुछ और नहीं बल्कि एक दलित परिवार में दो बहनों की शादी को लेकर था। शादी की वजह से गांव में कई दिनों के बाद खुशी का माहौल दिखा।
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