स्वदेशी जागरण मंच के बाद अब आरआरएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने नीति आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं तथा आयोग को मजदूर व किसान विरोधी करार दिया है। संघ का कहना है कि आयोग में श्रमिकों की समस्याएं जानने वाले कोई सदस्य नहीं है। ज्यादातर कारपोरेट सेक्टर से जुड़े लोग हैं। संघ आयोग के फिर से गठन करने की मांग को लेकर संघ देशभर में 22 व 23 जून को विरोध प्रदर्शन करेगा।
इस बार मजदूर दिवस पर झारखंड के श्रमिक ज्यादा नाराज दिखे। मनरेगा के तहत मिलने वाली राशि में मामूली बढ़ोत्तरी के विरोध में श्रमिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में मजदूरों ने पीएम मोदी को एक रूपए वापस करने की बात कही है।
सोनीपत में सफाई के लिए सीवर में उतरे तीन मजदूरों की सोमवार को मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि समय पर चिकित्सा नहीं मिलने की वजह से मौत हुई। आक्रोशित परिजनों ने हादसे के बाद नेशनल हाइवे को जाम कर दिया।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सऊदी अरब में पिछले 12 दिनों से बिना भोजन के फंसे तेलंगाना के 29 प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को कहा है। विदेश मंत्री ने भारतीय राजदूत अहमद जावेद से बातकर वहां फंसे प्रवासी मजदूरों की मदद करने को कहा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी के फैसले को आर्थिक पागलपन करार दिया है। एक बड़े हिंदी अखबार को दिए इंटरव्यू में राहुल ने कहा है कि ऐसा दुनिया में किसी सरकार ने नहीं किया।
किसी भी सभ्य समाज में बंधुआ मजदूरी एक कलंक है। भारत में लंबे समय से यह बुराई कायम रही है और इस खत्म करने के सरकारों के तमाम दावों के बावजूद कई जगह यह अब भी बदस्तूर जारी है।
वित्त मंत्री भले ही दावा करें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून के तहत सालाना बजटीय आवंटन में 25 फीसदी की वृद्धि की गई है, मगर मजदूर–किसान संगठन इस दावे से सहमत नहीं हैं।