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राधे मां को अंतरिम जमानत, विधायक ने लगाए गंभीर आरोप

राधे मां को अंतरिम जमानत, विधायक ने लगाए गंभीर आरोप

दहेज उत्‍पीड़न से जुड़े एक मामले में बंबई हाईकोर्ट ने विवादस्‍पद सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां को अंतरिम जमानत दे दी है। उनकी गिरफ्तारी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो हफ्ते की रोक लगाई है। लेकिन उनके खिलाफ नए-नए आराेप सामने आने से उनकी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं।
बंबई हाईकोर्ट ने हटाया मैगी से प्रतिबंध, 3 लैब से जांच के आदेश

बंबई हाईकोर्ट ने हटाया मैगी से प्रतिबंध, 3 लैब से जांच के आदेश

बंबई हाईकोर्ट से मैगी नूडल्‍स बनाने वाली कंपनी नेस्‍ले को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मैगी नूडल्‍स पर प्रतिबंध लगाने के खाद्य नियामकों के आदेश को निरस्‍त कर दिया है। मैगी के नमूनों की अब तीन प्रयोगशालाओं में नए सिरे से जांच कराई जाएगी। जांच में मैगी सही पाए जाने पर ही कंपनी को इसके उत्‍पादन और बिक्री की अनुमति मिलेगी।
मंत्री की शह पर मनमानी टोल वसूली, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

मंत्री की शह पर मनमानी टोल वसूली, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

टोल वसूली के खिलाफ यूं तो देश के कई हिस्‍सों में छोटे-बड़े धरने-प्रदर्शन और आंदोलन होते रहते हैं, लेकिन अनुचित तरीके से टोल वसूली के खिलाफ राजस्‍थान में चली कानूनी मुहिम पूरे देश के लिए नजीर बन सकती है। यह मामला बताता है कि कैसे सरकारी मिलीभगत के जरिये एक स्‍टेट हाईवे पर टोल (चुंगी) वसूली 6 साल 7 महीने के लिए बढ़ाकर सिर्फ एक-दो करोड़ रुपये के निर्माण के लिए करीब 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त चुंगी वसूलने का फैसला किया गया।
पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार, योगेंद्र यादव रिहा

पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार, योगेंद्र यादव रिहा

सोमवार रात योगेंद्र यादव और उनके स्वराज अभियान के साथियों की जंतर मंतर से की गई गिरफ्तारी की शैली पर आज दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने इस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोक कर गिरफ्तार करने और नाजायज तरीके से बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए देर तक बिलावजह हिरासत में रखने पर पुलिस पर सख्त टिप्पणी की।
तीस्‍ता सीतलवाड़ को अग्रिम जमानत, देश के लिए खतरा नहीं

तीस्‍ता सीतलवाड़ को अग्रिम जमानत, देश के लिए खतरा नहीं

विदेशी अनुदान से जुड़े मामले में बांबे हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्‍ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को अग्रिम जमानत दे दी है।
दयानिधि मारन हो सकते हैं गिरफ्तार

दयानिधि मारन हो सकते हैं गिरफ्तार

मद्रास उच्च न्यायालय ने कथित अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन की अंतरिम अग्रिम जमानत रद्द की। न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने मारन को तीन दिन के अंदर सीबीआई के समक्ष आत्मसमर्पण करने को कहा।
‘खुद को मुगल बादशाह समझते थे पूर्व मुख्य न्यायाधीश’

‘खुद को मुगल बादशाह समझते थे पूर्व मुख्य न्यायाधीश’

पटना हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने पिछले हफ्ते सेवानिवृत्त हुए मुख्य न्यायाधीश के बारे में एक खुला पत्र लिखकर उनके विदाई समारोह में जाने से साफ मना कर दिया कि वह ‘मुगल बादशाह’ की तरह काम करते थे और कानून के लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं था।
गुजरात दंगाः निचली अदालत को और तीन महीने की मोहलत

गुजरात दंगाः निचली अदालत को और तीन महीने की मोहलत

उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले की कार्यवाही पूरी करने के लिए अहमदाबाद की अदालत को आज तीन महीने की और मोहलत दे दी। नरसंहार की इस घटना में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 68 व्यक्ति मारे गये थे।
हाईकोर्ट पहुंचेगा ट्रेनी आईएएस के यौन उत्पीड़न का मामला

हाईकोर्ट पहुंचेगा ट्रेनी आईएएस के यौन उत्पीड़न का मामला

मध्य प्रदेश की एक प्रशिक्षु महिला आईएएस अधिकारी ने अदालत में अपने साथ बीते कटु अनुभव को फेसबुक वॉल पर शेयर करके प्रदेश सरकार को सकते में डाल दिया है। प्रदेश सरकार अब इस मसले पर उचित कदम उठाने के लिए हाईकोर्ट से मशविरा करने का मन बना रही है।
कलाम, याकूब और औसत मानस का मानचित्र

कलाम, याकूब और औसत मानस का मानचित्र

30 जुलाई को दो बहुचर्चित जनाजे निकले। एक खुले समुंदर के पास रामेश्वरम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ, तिरंगे में लिपटा। दूसरा, नागपुर केंद्रीय कारावास की कालकोठरी से निकाल फंदे पर झुला कर कब्रिस्तान के लिए रुखसत किया गया। एक सिंहासन चढ़ि चला तो एक बंधा जंजीर। काल की दो लीलाएं। मृत्यु के दो थिएटर। लेकिन एक ही देश के दो नागरिक, एक ही मजहब के दो लोग। हालांकि मृत्यु पूर्व जीवन के दो अलग-अलग रंगमंच। अब्दुल कलाम अपने रंगमंच पर भारतीय राज्य प्रतिष्ठान के हीरो और याकूब मेमन भारतीय राज्य प्रतिष्ठान का मुजरिम तो मुजरिम, विलेन भी। पहले को मौत के बाद भी मुख्यधारा जनमानस और सूचना-प्रचार तंत्र से ‘अमर रहे’ और ‘जिंदाबाद’ की विदाई। दूसरे के लिए मौत के पहले ही उसी मानस और तंत्र से ‘फांसी दो, फांसी दो’ तथा ‘मुर्दाबाद’ की गूंज जिसके आगे न्यायपालिका भी नतमस्तक हो गई।
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