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Search Result : "बच्चे को गोद कैसे लें"

गावस्कर का कोहली पर तंज: ‘सचिन-गांगुली-लक्ष्मण की क्या जरूरत, वे खुद ही चुन लें कोच’

गावस्कर का कोहली पर तंज: ‘सचिन-गांगुली-लक्ष्मण की क्या जरूरत, वे खुद ही चुन लें कोच’

टीम इंडिया में कोच को लेकर चल रहे विवादों के बीच सुनील गावस्कर ने कहा है कि जब टीम के खिलाड़ी और कप्तान की पसंद से ही कोच चुना जाना है तो फिर सलाहकार समिति की क्या जरूरत।
पीएम मोदी के योग कार्यक्रम में बारिश में भीगने से 22 बच्चे बीमार

पीएम मोदी के योग कार्यक्रम में बारिश में भीगने से 22 बच्चे बीमार

यूपी में पीएम नरेंद्र मोदी के योग कार्यक्रम के दौरान बारिश के बाद भी लोग योग करते रहे, जिसकी वजह से कई बच्चों की तबीयत खराब हो गई, जिन्हें लोक बंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नाखुश रहे जवान तो कैसे करे कामःहाईकोर्ट

नाखुश रहे जवान तो कैसे करे कामःहाईकोर्ट

नाखुश सुरक्षा बलों से खुशहाल काम की उम्मीद नहीं की जा सकती है। बीएसएफ उस जवान के प्रत‌ि थोड़ी दया दिखाए जो अपनी पत्नी के गर्भवती होने पर तबादले की गुजारिश कर रहा है। यह टिप्पणी दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जवान की याचिका पर की है।
वायरल हो रहा है भारत की हार से दुखी बच्चे का वीडियो

वायरल हो रहा है भारत की हार से दुखी बच्चे का वीडियो

चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान से भारत की करारी हार को लेकर हर भारतीय दुखी था। लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें आप एक बच्चे के गुस्से और दुःख को देख सकते हैं।
फादर्स डे: शहीद बेटे के पिता ने कहा, ‘अगर सरकार में दम होता तो हम नहीं खोते अपने बच्चे’

फादर्स डे: शहीद बेटे के पिता ने कहा, ‘अगर सरकार में दम होता तो हम नहीं खोते अपने बच्चे’

एक तरफ जहां लोग फादर्स डे मना रहे हैं वहीं भारतीय सेना के शहीद जवान लांस नायक बख्तावर सिंह कै पिता अपने बेटे को खोने का गम मना रहे हैं। शहीद के पिता ने कहा कि अगर सरकार में दम होता तो हम अपने बच्चे नहीं खोते। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार की आलसीपन की वजह से हो रहा है।
जानिए, कैसे 41 साल बाद हुआ मां-बेटी का अनूठा मिलन

जानिए, कैसे 41 साल बाद हुआ मां-बेटी का अनूठा मिलन

भारत में जन्म लेने वाली स्वीडिश नागरिक नीलाक्षी एलिजाबेथ जॉरंडल करीब 41 सालों बाद भारत में अपनी मां से मिली। जब मां-बेटी आपस में मिली तो सभी भावुक हो गए। 44 वर्षीय नीलाक्षी को 3 साल की उम्र में उसे एक स्विडिश दंपती ने गोद ले लिया था, जिनके साथ वो स्विडन चली गई थी।
कैसे नाकाम हुई किसान आंदोलन को दबाने की शिवराज की रणनीति?

कैसे नाकाम हुई किसान आंदोलन को दबाने की शिवराज की रणनीति?

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों में, भाजपा सरकारों ने विरोध करने वाले किसानों से निपटने के लिए समान रणनीतियां इस्तेमाल की। उनकी सोच थी की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संबद्ध संगठनों के साथ एक समझौता करके आंदोलन में फूट दाल दें।
मध्य प्रदेश में कैसे बेकाबू हुआ किसान आंदोलन, कहां हुई चूक

मध्य प्रदेश में कैसे बेकाबू हुआ किसान आंदोलन, कहां हुई चूक

एक जून को दो राज्यों में एक साथ किसान आंदोलन के लिए सड़कों पर उतर आए। दोनों ही राज्यों में किसान ने शहरों में जाने वाले दूध और सब्जी समेत अन्य उत्पाद भी रोक दिया या फिर फल सड़कों पर फेंक दिए और दूध सड़कों पर बहा दिया। मध्य प्रदेश के मलावा और निमाड़ में आंदोलन उग्र होता चला गया। पुलिस पर पत्थर फेंके और वाहन जला डालना जैसी घटनायें आम होती चली गयी।
नोटबंदी से चौपट हुआ कारोबार, बच्चों की पढ़ाई के लिए मां किडनी बेचने को लाचार

नोटबंदी से चौपट हुआ कारोबार, बच्चों की पढ़ाई के लिए मां किडनी बेचने को लाचार

आगरा में एक मां ने अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। मां ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी चिट्ठी पोस्ट की है, जिसमें उसने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी किडनी को बेचने के लिए तैयार है।
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