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Search Result : "बच्चे को गोद कैसे लें"

एक गुमनाम चिट्ठी ने कैसे गुरमीत राम रहीम को पहुंचाया सलाखों के पीछे

एक गुमनाम चिट्ठी ने कैसे गुरमीत राम रहीम को पहुंचाया सलाखों के पीछे

राम रहीम 23 सितंबर, 1990 से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बने। डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय हरियाणा के सिरसा में है। शाह सतनाम के एक सतसंग में उन्हें संत घोषित किया गया और डेरा का उत्तराधिकार सौंपा गया।
मध्य प्रदेश में गैस रिसाव से 50 स्कूली बच्चे बीमार, अस्पताल में कराया गया भर्ती

मध्य प्रदेश में गैस रिसाव से 50 स्कूली बच्चे बीमार, अस्पताल में कराया गया भर्ती

पुलिस के अनुसार, कुछ बच्चे बेहोश होने लगे। उसके बाद पूरे स्कूल और आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और इसकी सूचना पुलिस और 108 एंबुलेंस को दी गई।
शर्मनाक: सिर्फ 50 रुपए कम होने की वजह से डॉक्टरों ने किया इलाज से इनकार, बच्चे की मौत

शर्मनाक: सिर्फ 50 रुपए कम होने की वजह से डॉक्टरों ने किया इलाज से इनकार, बच्चे की मौत

बच्चे के पिता ने कर्ज लेकर मिट्टी का घर बनाया था। इसी बीच बारिश में उसका घर गिर गया, जिसमें बच्चे के सिर पर चोट आई थी।
सृजन घोटाले पर बोली राबड़ी,

सृजन घोटाले पर बोली राबड़ी, "नीतीश-सुशील के इस्तीफे के बिना निष्पक्ष जांच कैसे?"

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ‘सृजन घोटाले’ को लेकर सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर निशाना साधा है।
सड़कों पर नमाज नहीं रोक सकता, तो थानों में जन्माष्टमी कैसे रोकूं: योगी आदित्यनाथ

सड़कों पर नमाज नहीं रोक सकता, तो थानों में जन्माष्टमी कैसे रोकूं: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमाज, कांवड़-यात्रा, लाउडस्पीकर, जन्माष्टमी को लेकर बड़ा बयान दिया है।

"अगस्त में बच्चे मरते ही हैं" समेत योगी सरकार ने दी ये दलीलेें, गिनाए आंकड़े

अपने शहर गोरखपुर के नामी सरकारी अस्पताल में 6 दिनों के भीतर 63 बच्चों की मौत के मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुप्पी तोड़ी, लेकिन सिर्फ ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा को सभी मौतों की वजह मानने से इनकार किया है।
ओलंपिक की आस लगाने से पहले सोचिए, कैसे जीते-मरते हैं हमारे खिलाड़ी

ओलंपिक की आस लगाने से पहले सोचिए, कैसे जीते-मरते हैं हमारे खिलाड़ी

खेल और खिलाड़ियों की दशा पर अक्सर लोग बात करते दिखाई देते हैं। खेल की हालत में सुधार और प्रोत्साहन देने जैसी शासकीय घोषणाएं भी समय-समय पर की जाती हैं। खेलों में न्यूनतम सुविधाएं मिलने अथवा नहीं मिलने की परिचर्चा भी आम है, लेकिन बात खिलाड़ियों की जान पर आ जाए तो आप इसे क्या कहेंगे?
भाजपा को कैसे मिली महागठबंधन तोड़ने में कामयाबी, नीतीश ने क्यों भरे कमल में रंग?

भाजपा को कैसे मिली महागठबंधन तोड़ने में कामयाबी, नीतीश ने क्यों भरे कमल में रंग?

नीतीश कुमार महागठबंधन की गाठें छुड़ाकर अपने पुराने साथी रहे एनडीए से गठजोड़ कर चुके हैं। सियासी गलियारों में इस घटना ने हलचल तेज कर दी है। अब सवाल उठ रहे हैं कि एनडीए के विरोध में महागठबंधन के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार एकाएक पाला बदलकर कैसे ‘कमल’ में रंग भरने को तैयार हो गए?
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