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Search Result : "बच्चे को गोद कैसे लें"

सुंदर पिचई कैसे बने गूगल के सीईओ? 5 बड़ी वजहें

सुंदर पिचई कैसे बने गूगल के सीईओ? 5 बड़ी वजहें

दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी गूगल के शिखर पर पहुंचने वाले सुंदर पिचई ने आईआईटी खडगपुर से बीटेक और स्‍टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस की पढ़ाई मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग में की थी। इसके बाद उन्‍होंने व्‍हार्टन स्‍कूल से एमबीए किया और 10 साल के भीतर कंपनी के सीईओ पद तक पहुंच गए। जानिए, पिचई की कौन-सी खूबियों ने दिलााई पिचई को ये कामयाबी
ममता की इच्छा लॉर्ड पॉल चिड़ियाघर गोद लें

ममता की इच्छा लॉर्ड पॉल चिड़ियाघर गोद लें

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज भारतीय मूल के प्रमुख उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल से कहा है कि वह लंदन के चिड़ियाघर की तर्ज पर कोलकाता चिड़ियाघर को भी गोद लें और इसे सहयोग करें।
उस जख्‍म से कैसे उबरेगा डांगावास?

उस जख्‍म से कैसे उबरेगा डांगावास?

लग ही नहीं रहा था कि इसी गांव में दो महीने पहले छह लोगों की हत्या की गई थी। दुःख और डर की छाया कहीं दिखी तो सिर्फ मेघवाल और गोस्वामी परिवारों के घर।
अरुण ‘राम’ गोविल का वनवास खत्म

अरुण ‘राम’ गोविल का वनवास खत्म

यूं तो राम को चौदह साल का वनवास मिला था। लेकिन रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का ‘टीवी वनवास’ कुछ ज्यादा ही चल गया। अब खबर है कि अरुण गोविल जल्द ही ‘धरती की गोद में’ नाम से बन रहे एक धारावाहिक से टेलीविजन पर वापसी करेंगे।
ह‌िंदू परिवार कम बच्चे पैदा करने का फैसला ना करें ः वीएचपी

ह‌िंदू परिवार कम बच्चे पैदा करने का फैसला ना करें ः वीएचपी

ह‌िंदू परिवारों को यह अधिकार नहीं है कि वे यह तय कर सकें कि उन्हें कितने बच्चे पैदा करने हैं। यह तय करेंगे ह‌िंदू संगठन क्योंकि उन्हें चिंता है क‌ि ह‌िंदू कहीं भारत में ही अल्पसंख्यक न हो जाएं। यह तर्क लंबे समय से हिंदुत्वादी संगठन देते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में उन्होंने ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए आक्रामक अभियान छेड़ रखा है।
इस मुस्लिम बच्ची ने गीता के ज्ञान में सबको पछाड़ा

इस मुस्लिम बच्ची ने गीता के ज्ञान में सबको पछाड़ा

महज बारह साल की एक मुस्लिम लड़की ने मुंबई में भगवत गीता पर आधारित एक प्रतियोगिता जीत कर धर्म के कई ठेकेदारों को आईना दिखाया है। मीरा रोड इलाके के एक स्कूल की छठी कक्षा की छात्रा मरियम आसिफ सिद्दीकी ने प्रतियोगिता में शामिल हुए 4,500 बच्चों के बीच जीत हासिल की।
कैसे चलेगा नीति आयोग

कैसे चलेगा नीति आयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग को खत्म करके नीति आयोग इस उम्मीद के साथ बनाया कि देश के लिए नीतियां अच्छी और जल्दी तय होगी।