केन्द्र का कहना है, “सवाल यह है कि ऐसी परिस्थिति में अदालत किन साक्ष्यों को आधार बनाएगी, क्योंकि पति और पत्नी के बीच यौन संबंध का कोई अंतिम साक्ष्य नहीं हो सकता।”
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद भी यहां अपराध रुकने का नाम ही नहीं ले रहे। आए दिन प्रदेश में एक के बाद एक कई वारदातें सामने आ रही हैं। सहारनपुर हिंसा और जेवर-बुलंदशहर हाईवे पर हुई लूट जैसी वारदात के बाद सीतापुर से डबल मर्डर की घटना सामने आई है।
उत्तर प्रदेश में सरेराह बढ़ रही बलात्कार,छेड़छाड़ की घटना अब सड़क से होकर ट्रेन तक पहुंच गई है। लखनऊ से चंडीगढ़ जा रही एक ट्रेन में बलात्कार की घटना सामने आई है। एक जीआरपी के जवान द्वारा कथित रेप को अंजाम दिया गया।
देश में आए दिन महिलाओं पर होने वाले यौन अपराधों का मामला सामने आता रहता है। शायद ही कोई ऐसा दिन होगा, जब इस तरह की कोई खबर पढ़ने और सुनने को न मिले। एक ऐसा ही मामला केरल में भी सामने आया जहां, महिला ने आत्मरक्षा के लिए बलात्कार करने वाले उस शख्स। के जननांगों को ही काट दिया।
पिछले कुछ महिनों के भीतर जम्मू-कश्मीर में बैंक और हथियार लूटने की वारदात बढ़ती जा रही हैं। इसी महीने 4 दिनों में ऐसी 4 घटनाएं हुई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों पिछले कुछ महीनों से ऐसी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हो रही है?