जुलाई का एक सप्ताह निकलने के साथ देश मौसम विभाग ने फिर से देश में कमजोर मॉनसून की आशंका जताई है और कहा है कि जुलाई माह में अभी तक पश्चिमोत्तर क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी इलाकों में बारिश नकारात्मक रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 8 जुलाई तक देश में बारिश चार प्रतिशत कम रही है। मध्य भारत में जून में बारिश अच्छी रही थी, लेकिन अब वहां बारिश आठ प्रतिशत कम है।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के तीन उपमंडलों में सोमवार रात से भारी बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर हुए भूस्खलन में कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लापता हैं। दार्जिलिंग जिले के दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कर्सियांग में 25 स्थानों पर भूस्खलन की खबर है।
कृष्िा संकट और किसानों की खुदकुशी की खबरों के बीच इस साल सूखे का खतरा पैदा हो गया है। मौसम विभाग ने मानसून का अनुमान घटाते हुए सामान्य के मुकाबले सिर्फ 88 फीसदी बारिश की उम्मीद जताई है। जबकि इससे पहले 93 फीसदी बारिश की उम्मीद जताई गई थी। कमजोर मानसून न सिर्फ खेती बल्कि देश की पूरी अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ सकता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने भी कमजोर मानसून से सरकार को आगाह किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि समाजवादी शब्द संविधान की प्रस्तावना में शामिल है और इसीलिए उनकी सरकार की कई योजनाओं का नाम इसी लफ्ज पर रखा गया है।
एबी डिविलियर्स और सरफराज खान की उम्दा पारियों की मदद से 200 रन का स्कोर खड़ा करने वाले रायल चैलेंजर्स बेंगलूर का इंडियन प्रीमियर लीग में जीत की हैट्रिक पूरा करने का सपना उस समय टूट गया जब बारिश के कारण राजस्थान रायल्स के खिलाफ उसका मैच रद्द करना पड़ा जिससे दोनों टीमों को एक-एक अंक मिला।
नेपाल में भूकंप के लगातार घटके कहर बरपा रहे हैं। अब तक चार हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार और सोमवार को आए भूकंप के ताजा झटकों के बाद बारिश, बर्फबारी और भू-स्खलन ने राहत और बचाव कार्यों में रूकावट पैदा कर दी है। सरकार व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हैं। लोग खाने-पीने और इलाज के लिए तरस रहे हैं। दहशत के साये में लाखों लोग सड़कों और खुली जगहों पर रात बिताने को मजबूर हैं। चारों तरह मातम और मलबा बिखरा है। भूकंप ने पूरे नेपाल को हिलाकर रख दिया है। लोग मदद के लिए तरस रहे हैं।
नई दिल्ली। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार झेल रहे किसानों पर इस साल दोहरी मार पड़ने जा रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल मानसून सामान्य से 7 फीसदी कम रहेगा। मानसून पर अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते बारिश का इंतजार लंबा खिंच सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल भी मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देश में सामान्य से 12 फीसदी कम बारिश हुई थी। गौरतलब है कि भारत में 70 फीसदी बारिश मानसून सीजन के दौरान पड़ती है।