बाल विवाह के खिलाफ कानून चाहे कठोर बन गया हो लेकिन उसे कठोरता से लागू नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि देश में बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।
1985 तक शिवसेना केवल मुंबई तक ही सीमित थी। महाराष्ट्र में इसके प्रसार का श्रेय छगन भुजबल को जाता है। शरद पवार 1986 में अपने कांग्रेस विरोधी समूह को सकते में छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। उस वजह से बने खाली स्थान को शिवसेना ने भरा। आज भी मुंबई की शिवसेना और बाकी महाराष्ट्र की शिवसेना में अंतर है।
मराठी मानुष की राजनीति करने वाली शिवसेना कल अपनी 50वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है। वर्ष 1966 में बाल ठाकरे की सोच और बुलंद इरादों के साथ अस्तित्व में आई शिवसेना आज महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ी ताकत है।
बिहार की मधेपुरा सीट से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जन अधिकार पार्टी का गठन किया है। मजेेदार बात यह है कि यादव इस पार्टी के अध्यक्ष न बनकर संरक्षक होंगे और वरिष्ठ पत्रकार बलजीत परमार को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है।
त्रिपुरा में विवादास्पद अफ्सपा कानून भले ही हट गया है लेकिन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि अगर जम्मू-कश्मीर या देश के किसी राज्य में आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना को तैनात रखना है तो अफ्सपा जरूरी है।
दिल्ली की कैबिनेट, जनता के बीच ’ के तहत कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी कैबिनेट के साथ जब दिल्ली की जनता को 100 दिनों का हिसाब देने आए तो काफी खुश दिखाई दिए। आज केजरीवाल कम बोले। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने जनता के सवालों के जवाब दिए। उन जवाबों में मीडिया, भाजपा और केंद्र सरकार से चल रही तनातनी के जवाब भी शामिल थे। एक अहम सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘ मैं तो चाहता हूं कि दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार के तहत और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा कल ही मिल जाए लेकिन सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर आए खर्च से जुड़ी जानकारी उजागर नहीं किए जाने के बावजूद केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा गठित समिति ने सभी मंत्रालयों को इस तरह की जानकारियां उजागर करने और सक्रिय रुप से अपडेट करने निर्देश दिए हैं।
हमारी सरकार यह कहकर जनता का समर्थन जुटा रही है कि नया किशोर न्याय विधेयक 16 से 18 साल के उन बच्चों के लिए है जो वयस्कों की तरह जघन्य अपराध को अंजाम देते हैं लेकिन इसमें उसी पहलू को नजरअंदाज कर दिया गया है जिसके लिए यह विधेयक बनाने का सुझाव दिया गया था।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच अधिकारों को लेकर छिड़ी जंग के बीच गृह मंत्रालय ने यह साफ किया है जो भी काम होगा संविधान के मुताबिक होगा। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश और संविधान में जो अधिकार मिला हुआ है उसी के अनुरुप काम करना होगा।