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Search Result : "बिहार उपचुनाव"

दस साल में मनरेगा में  3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च, भ्रष्टाचार बाधक बनकर उभरा

दस साल में मनरेगा में 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च, भ्रष्टाचार बाधक बनकर उभरा

गांव के हालात बदलने और लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कल 10 वर्ष पूरे होंगे। इस योजना पर अब तक 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। हालांकि उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, मणिपुर जैसे कई राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर भ्रष्टाचार एवं अनियमिताताओं की शिकायतें बाधक के रूप में उभर कर सामने आई हैं।
आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
यूपी में महागठबंधन! उपचुनाव में रालोद काे जदयू का समर्थन

यूपी में महागठबंधन! उपचुनाव में रालोद काे जदयू का समर्थन

जनता दल (यूनाइटेड) ने आज एेलान किया कि वह उत्तर प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए राष्‍ट्रीय लोकदल (रालोद) उम्मीदवारों का समर्थन करेगा। बिहार में महागठबंधन की सफलता के बाद अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए जदयू अजित सिंह की पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस और अन्य दलों से गठजोड़ की संभावना भी तलाश रही है।
चर्चा: उत्तर प्रदेश की साइकल ‘पंक्चर’ | आलोक मेहता

चर्चा: उत्तर प्रदेश की साइकल ‘पंक्चर’ | आलोक मेहता

उत्तरप्रदेश की समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकल है। प्रदेश विधान-सभा का चुनाव 2017 में हैं। युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रदेश को आधुनिक बनाने की योजनाएं बनाकर केंद्र को भेजते रहे हैं। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक सांसद कंधों का योगदान है।
डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज डीडीसीए मामले में मोदी सरकार को भी घसीटते हुए कहा कि वह सरकार के अलावा वित्त मंत्री अरूण जेटली के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। आजाद ने दावा किया कि सीबीआई अब भी पिंजड़े का तोता ही है।
बिहार: नीतीश पर व्यक्ति ने फेंका जूता, पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिहार: नीतीश पर व्यक्ति ने फेंका जूता, पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिहार की राजधानी पटना में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जूता फेंकने की घटना सामने आई है। हालांकि जूता मंच पर नीतीश कुमार तक नहीं पहुंच पाया और पहले ही गिर गया। पुलिस ने जूता फेंकने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
उत्तर प्रदेशः उपचुनाव में सपा का सीधा मुकाबला भाजपा के साथ

उत्तर प्रदेशः उपचुनाव में सपा का सीधा मुकाबला भाजपा के साथ

उत्तर प्रदेश में विधानसभा की तीन सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में सीधा मुकाबला भाजपा और प्रदेश की सत्तासीन समाजवादी पार्टी के बीच है। जबकि बहुजन समाज पार्टी उपचुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करती।
चर्चाः प्रचार, पैसा और पद |आलोक मेहता

चर्चाः प्रचार, पैसा और पद |आलोक मेहता

प्रचार मास्टर प्रशांत किशोर बिहार सरकार के सलाहकार नियुक्त हो गए। कोई चुनाव लड़े बिना कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया। लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की सफलता का ताज अपने सिर पर पहन कर प्रशांत किशोर ने पाटलीपुत्र में भी अशोक चक्र का तमगा प्राप्त कर लिया।
प्रशांत किशोर बने नीतीश कुमार के सलाहकार, कैबिनेट मंत्री का दर्जा

प्रशांत किशोर बने नीतीश कुमार के सलाहकार, कैबिनेट मंत्री का दर्जा

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सलाहकार नियुक्त किया गया है।
मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
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