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गोधरा कांड का मुख्य आरोपी 14 साल बाद गिरफ्तार

गोधरा कांड का मुख्य आरोपी 14 साल बाद गिरफ्तार

गोधरा ट्रेन कांड के 14 सालों के बाद बुधवार को गुजरात एटीएस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। साल 2002 में हुए गोधरा ट्रेन कांड में 59 कार सेवक मारे गए थे जिसके बाद पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे थे जिनमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई थी।
84 के दंगों संबंधी दस्तावेजों को लेकर आप और डीएसजीपीसी आमने-सामने

84 के दंगों संबंधी दस्तावेजों को लेकर आप और डीएसजीपीसी आमने-सामने

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि 1984 के सिख कत्लेआम के पीड़ितों को इंसाफ दिलवाने के लिए बनाई गई एसआईटी की फाइल दिल्ली सचिवालय से गुम हो गई है। कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके एवं महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन का घेराव, रेवती लाल पर हमला

पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन का घेराव, रेवती लाल पर हमला

देश में असहिष्‍णुता और अभिव्‍यक्ति की आजादी को लेकर छिड़ी बहस के बीच बुधवार को दो जाने-माने पत्रकारों पर अलग-अलग किस्‍म के हमले हुए।
जेल में मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपियों से मिले केंद्रीय मंत्री

जेल में मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपियों से मिले केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय कृषि राज्‍यमंत्री मंत्री संजीव बालियान ने कल मुजफ्फरनगर जिला कारागार का दौरा किया और वर्ष 2013 के कुछ दंगा आरोपियों से मुलाकात की है।
तीस्ता को 31 जनवरी तक गिरफ्तारी से राहत

तीस्ता को 31 जनवरी तक गिरफ्तारी से राहत

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के 2002 के दंगों में तबाह अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में संग्रहालय के निमित्त धन का कथित रूप से गबन करने से संबंधित मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति को गिरफ्तारी से प्राप्त अंतरिम संरक्षण की अवधि आज 31 जनवरी तक बढ़ा दी। न्यायमूर्ति ए.आर. दवे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, अंतरिम राहत 31 जनवरी तक जारी रहेगी।
84 के दंगों के बाद कांग्रेस को असहिष्णुता पर बोलने का हक नहीं: मोदी

84 के दंगों के बाद कांग्रेस को असहिष्णुता पर बोलने का हक नहीं: मोदी

देश में कथित तौर पर बढ़ती असहिष्णुता पर विपक्ष समेत विभिन्न वर्गों की आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया है। उन्‍होंने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद कांग्रेस को असहिष्णुता पर हमें उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है, वे इस विषय पर ड्रामा कर रहे हैं।
‘रोटी कमाने वाले कायम रहें’

‘रोटी कमाने वाले कायम रहें’

जिसे जिसका मांस खाना हो खाए, कोई गाय को माता माने या न माने, कोई बार-बार विदेश जाकर भारत की जैसी मर्जी महिमा मंडन करे, कोई किसी को मुल्ला कहे या पाकिस्तानी। मुसलमानों के एक बहुत बड़े वर्ग को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। ये मध्य और निम्न मध्य वर्ग के वे मुसलमान हैं जो दंगों की लपटों में झुलस जाते हैं। इस वर्ग को मतलब है तो सिर्फ इस बात से कि इन्हें दो जून की रोटी मिलती रहे और रोटी कमाने वाले कायम रहें। ये अपने गांव में रहते रहें क्योंकि दूसरी किसी जगह पर ठिकाना नहीं है। इन्हें रहने के लिए गांव छोडक़र कैंपों में न जाना पड़े। यही इनकी सबसे बड़ी फिक्र है।
शालिनी ईद की सेवइयों, यास्मीन दिवाली की मिठाई बाट जोहती है

शालिनी ईद की सेवइयों, यास्मीन दिवाली की मिठाई बाट जोहती है

दादरी के बिसहड़ा गांव में गोमांस रखने की अफवाह के कारण हुई अखलाक अहमद की हत्या से बेशक चारों ओर नफरत का धुंआ फैल रहा है लेकिन नफरत के गहराते काले धुंए में भी दिल को सुकून देने वाली हिंदू-मुस्लिम मोहब्बत की कई मिसालें कायम हैं। हाल ही में मिर्जापुर दौरे के दौरान ऐसी ही एक मिसाल देखने को मिली। शालिनी कुशवाहा समेत बहुत सारी हिंदू महिलाओं को यास्मीन फातिमा की ईद की सेंवइयों का इंतजार होता है तो यास्मीन हिंदु सहेलियों के घर में बनी होली की गुझियों और दीवाली की मिठाइयों की बाट जोहती है।
मुजफ्फरनगर दंगे: जांच आयोग ने राज्‍यपाल को सौंपी रिपोर्ट

मुजफ्फरनगर दंगे: जांच आयोग ने राज्‍यपाल को सौंपी रिपोर्ट

करीब दो साल के इंतजार के बाद मुजफ्फरनगर दंगे के गुहनगारों के नाम उजागर हो सकते हैं। दंगों की जांच कर रहे जस्टिस विष्‍णु सहाय आयोग ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट राज्यपाल राम नाईक सौंपी दी है।
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