प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्लैगशिप योजना स्किल इंडिया भी भ्रष्टाचार और ठगी से मुक्त नहीं है। स्किल इंडिया के नाम पर 50 ई-रिक्शा वालों को ठगने का मामला सामने आया है।
जीएसटी काउंसिल ने वस्तुओं के बाद सेवाओं पर भी कर की दरें तय कर दी हैं। जिसके तहत टेलिकॉम, वित्तीय सेवाएं महंगी हो जाएंगी। फोन पर बात करने के साथ ही बीमा-बैंकिंग सेवाओं के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। होटल में ठहरना एसी ट्रेन में सफर करना भी महंगा हो जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह बैंकों के साथ 50,000 रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर बैंक नकद लेनदेन कर :बीसीटीटी: लगाने की मुख्यमंत्रियों की समिति की सिफारिश पर कोई निर्णय लेने से पहले सावधानीपूर्वक विचार करेगी।
नोट बंदी लागू होने के बाद विभिन्न हिस्सों में काले धन को सफेद करने में बैंकों व बैंककर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। यूं कहा जाए कि पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम के बाद देश के बैंकिंग ढांचे की कलई खुल गई है। तीन वर्ष पहले एक वेबसाइट की तरफ से निजी व सरकारी बैंकों में काले धन को सफेद करने के गोरखधंधे का जो खुलासा हुआ था वह बदस्तूर जारी है। इस बीच आरबीआइ ने नियमों में कड़ाई बरती है। बैंकों पर जुर्माना लगाया लेकिन इन्हें नजर अंदाज करने वालों पर कोई लगाम नहीं लग पाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में पंपरागत बैंकों में धीरे-धीरे इस्लामी बैंक सुविधा देने का प्रस्ताव किया है जिसमें ब्याज-मुक्त बैंकिंग सेवा के प्रावधान किए जा सकते हैं।
देश की बैंकिंग प्रणाली की साइबर सुरक्षा भंग होने के बाद भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वे अपने बैंक के एटीएम का ही प्रयोग करें। इसके साथ ही एसबीआई ब्लॉक किए गए छह लाख डेबिट कार्डों को अगले 10 दिन में बदलने में जुटी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए भारत और म्यामां ने 1640 किलोमीटर लंबी सीमा की निगरानी करने समेत विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय किया, साथ ही दोनों पड़ोसी देशों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का वित्त पोषण करने या समर्थन करने वालों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
भारत के बैंकिंग क्षेत्र पर मुख्य तौर पर 2011-13 के दौरान अटकी परियोजनाओं के कारण कुछ दबाव है और इन परियोजनाओं की मुश्किलें दूर करने की कोशिशें की जा रही है।
स्विट्जरलैंड की बैंकिंग प्रणाली की गोपनीयता के खिलाफ वैश्विक स्तर पर चल रहे अभियान के बीच स्विस बैंकाें में भारतीयों की जमा राशि करीब एक-तिहाई यानी 33 प्रतिशत घटकर 1.2 अरब फ्रैंक :करीब 8,392 करोड़ रुपये: रह गई है।