देश के बैंक एक और माल्या का पता लगाने जा रहे हैं। बैंकों के समूह ने आलोक इंडस्ट्री और उसकी सहयोगी कंपनियों को चार माह पहले 20 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया था।
राज्यसभा की आचार समिति द्वारा अपने निष्कासन की सिफारिश किए जाने से एक दिन पहले निर्दलीय सांसद और शराब उद्योगपति विजय माल्या ने आज उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया। वह 9,400 करोड़ रूपये से अधिक के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले का सामना कर रहे हैं।
शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी होने से उत्साहित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेश मंत्रालय से 900 करोड़ रुपये के कथित आईडीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले में धनशोधन के संबंध में माल्या को भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया है।
अरबों रुपये के कर्ज के भुगतान में चूक के बीच उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि चूककर्ताओं के नाम का खुलासा किए बिना कुल बकाया राशि को सार्वजनिक किया जाए लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने गोपनीयता उपबंध का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने गुरुवार को शराब कारोबारी विजय माल्या और उनकी कंपनियों की सितंबर तक उच्चतम न्यायालय में मौजूदा स्वरूप में 4,000 करोड़ रुपये के भुगतान की पेशकश खारिज कर दी। न्यायालय ने माल्या को 21 अप्रैल तक अपनी कुल परिसंपत्ति का खुलासा करने का निर्देश दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब कारोबारी विजय माल्या को तीसरा और संभवत: आखिरी समन जारी कर उन्हें 9 अप्रैल को मुंबई में जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा है।
ऋणदाता बैंकों के दबाव और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई की वजह से देश छोड़कर गए शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि वह इस वर्ष बैंकों को 4000 करोड़ रुपये तक का भुगतान कर देंगे।
विजय माल्या की विमानन कंपनी किंगफिशर के मुंबई महानगर स्थिति मुख्यालय भवन किंगफिशर हाउस की नीलामी आज खाली गयी। इस इमारत के लिए कोई बोली नहीं मिलने से बैंकों को इस बंद पड़ी एयरलाइन से अपने बकाया कर्ज को वसूल करने की कोशिश को झटका लगा है।
‘सरकार बीमार इंडस्ट्री के नाम पर इंडस्ट्रीज का करोड़ों का कर्ज माफ कर देती है, हमारा इतना कहना है कि एक दफा तो किसान का कर्जा माफ कर दो।‘ कर्ज के मारे देश के दिहाड़ीदार बन चुके किसानों का यह कहना है। अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए आज देश भर से हजारों किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर इक्ट्ठा हुए। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के बैनर तले इन्होंने देश में जल्द से जल्द डॉ. एमएस स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने के लिए कहा।