देश के छोटे बड़े शहरों में भारी-भरकम स्कूल बैग, टिफिन बॉक्स तथा पानी की बोतल लेकर झुकी कमर और तिरछी चाल चलते मासूम स्कूल आते जाते दिख जाएंगे। इन मासूमों से स्कूली बस्ते सहजता से उठते भी नहीं, लेकिन वे स्कूल बैग ढोने के लिए मजबूर हैं। बच्चे अपने वजन का 35 प्रतिशत बोझ बस्ते के रूप में रोजाना पीठ पर ढोते हैं।
सरकार को सबसे बड़ा वादी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि न्यायपालिका का बोझ कम करने की जरूरत है क्योंकि उसका अधिकांश समय ऐसे मामलों की सुनवाई करने में लग जाता है जिनमें सरकार एक पक्ष होती है। प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा स्थापित करने की भी वकालत की।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने कानून मंत्रालय से ऐसे कामकाज से राहत देने के लिए आग्रह किया है, जिससे परहेज किया जा सकता हो। सीजेआई ने कानून मंत्रालय से इसके लिए तंत्र तैयार करने की गुजारिश भी की है। ठाकुर ने कहा कि सरकार के विभागों द्वारा निर्णय लेने में उदासीनता और अक्षमता दिखाने की वजह से ‘अनावश्यक बोझ’ पैदा होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तेलंगाना के मेडक में जनसभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर गोरक्षकों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गोरक्षा के नाम पर समाज में टकराव लाने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसे लोगों को दंडित करने की जरूरत है। पीएम मोदी मेडक में 1200 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट की आधारशिला रखने गए थे।
विश्वविद्यालय शिक्षकों पर काम को बोझ बढ़ाने औऱ अपने अकादमिक प्रदर्शन के आकलन के लिए यूजीसी के नए मानदंडों के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने सोमवार को बड़ी संख्या में संसद तक मार्च निकाला।
कहने को तो यह एक उत्पाद का प्रचार है। लेकिन यदि इसी बहाने महिलाओं का कुछ भला हो जाए तो क्या बुरा है। विज्ञापन की दुनिया भावनाओं पर चलती है, लेकिन इस भावना में कुछ बात है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने के लिए 2016-17 के बजट में 70,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में पेट्रोल पर 17 रुपये प्रति लीटर की दर से एकमुश्त कर लगाने का फैसला किया है, जिससे प्रदेश में पेट्रोल के दाम मौजूदा कीमत से 5.10 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएंगे।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि तेल एवं गैस उत्खनन करने वाली ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसी सरकारी कंपनियों का शुद्ध मार्जिन कच्चे तेल के दामों में कमी के कारण घट गया है, लिहाजा उन पर वित्तीय बोझ कम किया जाना चाहिए।