मध्य प्रदेश के गुना में यातायात नियमों का उल्लंघन करने के मामले में दो रिश्तेदारों पर जुर्माने से बौखलाए स्थानीय भाजपा नेता के परिजनों ने एक सिपाही की सरेआम सड़क पर पिटाई कर दी। घटना के बाद सिपाही की पिटाई का वीडियो वायरल हो गया है।
आज दिल्ली के तीनों नगर निगमाेेंं की 270 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। मतदान की शुरुआत काफी धीमी रही। सुबह 11 बजे तक सिर्फ 7.67 प्रतिशत मतदान की सूचना है। इससे पहले 10.30 बजे तक केवल 1.16 फीसदी वोट पड़े थे। दिल्ली की दिग्गज हस्तियां अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए घर से निकली रही हैं, लेकिन आम जनता में उतना जोश देखने को नहीं मिल रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद प्रमुख लालू परिवार के बेनामी संपत्ति के खुलासे के सिलसिले को जारी रखते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि इस परिवार ने एक और मुखौटा कम्पनी के जरिए दिल्ली में 115 करोड़ रूपये की सम्पति अपने नाम करवा ली है।
घाटी में बढ़ती हिंसा के बीच केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर सरकार पर जल्द बड़ा फैसला ले सकती है। हिंसा के दौर के बीच वहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलें बढ़ रही हैं। कानून व्यवस्था में गड़बड़ी को देखते हुए राजनैतिक गलियारे में सुगबुगाहट है कि भाजपा और पीडीपी का गठबंधन भी टूट सकता है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 29 और 30 अप्रैल को राज्य का दौरा करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के बाद गठबंधन पर भाजपा कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
आखिर दिल्ली महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह भाजपा में शामिल हो गई। महिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी व अजय माकन पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अब राष्ट्रपति चुनाव पर एनडीए के उम्मीदवार को जिताने के लिए अपनी कूटनीति का उपयोग करेंगे। राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए 546828 मतों की जरूरत है। एनडीए के पास 532592 वोट हैं। इस तरह पीएम मोदी और शाह को यहां भी जीत का परचम लहराने के लिए 14236 वोट चाहिए।
देशभर में एक ओर मोदी सरकार लाल बत्ती हटाकर वीआईपी कल्चर को खत्म कर रही है वहीं दूसरी तरफ उसके कुछ नेताओं की दादागिरी भी आए दिन सामने आ रही है। ताजा मामला सीतापुर के भाजपा विधायक का है। विधायक राकेश राठौर ने कुछ विलंब होने की वजह से टोल प्लाजा कर्मियों को चांटा रसीद कर दिया।
कहावत है जब जहाज डूबता है तो सभी साथ छोडक़र भागने लगते हैं। कुछ इसी तरह का आलम दिल्ली कांग्रेस पार्टी का हो गया है। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के पार्टी छोड़ने के बाद अब कई और बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने की चर्चा है। बताया जाता है कि इन नेताओं का कार्यक्रम अभी गुप्त रखा गया है और यह नेता भाजपा आलाकमान के संपर्क में हैं।