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Search Result : "भारत को सराहा"

भारत, रूस ने कई बड़े रक्षा सौदे किए, आतंकवाद से भी दोनों साथ लड़ेंगे

भारत, रूस ने कई बड़े रक्षा सौदे किए, आतंकवाद से भी दोनों साथ लड़ेंगे

भारत और रूस ने मिसाइल प्रणालियों, जंगी जहाजों की खरीद और हेलीकॉप्टरों के संयुक्त उत्पादन सहित कई बड़े रक्षा सौदों पर आज हस्ताक्षर किए। इसके अलावा दोनों देशों ने कई सारे अहम क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने पर फैसला किया और एकजुट होकर आतंकवाद की बुराई से लड़ने का संकल्प लिया।
रूसी कंपनी ने 13 अरब डॉलर में एस्सार ऑयल का अधिग्रहण किया

रूसी कंपनी ने 13 अरब डॉलर में एस्सार ऑयल का अधिग्रहण किया

रूस की सरकारी पेट्रोलियम कंपनी रोजनेफ्ट और उसके भागीदारों ने भारत की दूसरी सबसे बड़ी निजी पेट्रोलियम कंपनी एस्सार ऑयल के अधिग्रहण का आज करार किया। पूरी तरह नकद लेन-देन के आधार पर हुए इस सौदे का मूल्य करीब 13 अरब डालर आंका गया है।
वनडे में भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहेगा भारत, पहला मैच रविवार को

वनडे में भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहेगा भारत, पहला मैच रविवार को

टेस्ट श्रृंखला में क्लीनस्वीप के बाद आत्मविश्वास से भरा भारत रविवार को धर्मशाला में न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू हो रही पांच मैचों की श्रृंखला के पहले मैच के साथ छोटे प्रारूप में भी दबदबा जारी रखने के इरादे से उतरेगा। विराट कोहली की अगुआई में भारत ने टेस्ट श्रृंखला में 3-0 की जीत के साथ आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है लेकिन अब सबका ध्यान एकदिवसीय क्रिकेट पर होगा।
शी से बोले मोदी, आतंकवाद पर मतभेद नहीं हो सकते

शी से बोले मोदी, आतंकवाद पर मतभेद नहीं हो सकते

भारत ने आज चीन से स्पष्ट तौर पर कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के मुद्दे पर देशों के बीच मतभेद नहीं हो सकते। भारत ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित करने की राह में बीजिंग की ओर से अटकाए जा रहे रोड़े पर भी अपनी चिंताएं चीन के सामने रखीं।
ब्रिक्स : आतंकवाद पर राजनयिक आक्रामकता जारी रखेगा भारत

ब्रिक्स : आतंकवाद पर राजनयिक आक्रामकता जारी रखेगा भारत

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग की मेजबानी करने वाला भारत पाकिस्तान से पैदा हो रहे आतंकवाद के खतरे को लेेकर इस दौरान भी उसके खिलाफ अपनी राजनयिक आक्रामकता जारी रख सकता है। पांच देशों वाले ब्रिक्स समूह का यह शिखर सम्मेलन गोवा में रविवार को आयोजित होगा।
भारत, अमेरिका साझेदार हैं, सहयोगी नहीं : मेनन

भारत, अमेरिका साझेदार हैं, सहयोगी नहीं : मेनन

पूर्व विदेश सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके शिवशंकर मेनन का कहना है कि भारत और अमेरिका के संबंधों की बेहतर व्याख्या सहयोगी नहीं बल्कि बराबर के भागीदार के तौर पर की जा सकती है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच नौवहन सुरक्षा और रक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अभूतपूर्व सहयोग है।
आउटलुक विशेष- ब्रिक्स में आतंकवाद पर राजनयिक बढ़त लेने की तैयारी में भारत

आउटलुक विशेष- ब्रिक्स में आतंकवाद पर राजनयिक बढ़त लेने की तैयारी में भारत

दक्षिण गोवा के बेनौलिम गांव में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भारतीय तट रक्षक दल को अरब सागर में हवाई और समुद्र में निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मरीन पुलिस के कर्मियों को राज्य की नदियों में तैनात किया गया है। नौसेना के मार्कोस कमांडो को अलर्ट पर रखा गया है। उड़ी में हुए आतंकी हमला और उसके बाद एलओसी के पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के छाए में हो रहे इस सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा हावी रहने की संभावना है। भारत की तरफ से यह मुद्दा जोर-शोर से उठाए जाने की तैयारी है और इस मुद्दे पर चीन को साथ लेने की पूरी राजनयिक तैयारी है। इस सम्मेलन में भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने की अपनी राजनयिक मुहिम जारी रखेगा भारत।
अच्‍छे दिन :  देश में 15.2 फीसदी लोग आधा पेट खाकर गुजार रहे जीवन

अच्‍छे दिन : देश में 15.2 फीसदी लोग आधा पेट खाकर गुजार रहे जीवन

देश में भले ही जोर-शोर से कहा जा रहा हो कि हर तरफ विकास हो रहा है लेकिन विश्‍व मंंच में भारत की स्थिति कोई बेहतर नहीं कही जा सकती। वाशिंगटन ‌‌स्थित इंटरनेशनल फूड पालिसी रिसर्च इंस्टिच्यूट (आईएफपीआरआई) की एक रिपोर्ट में भारत भूखे देशों की सूची में शुुमार है।
सर्जिकल हमले वक्त की जरूरत थे

सर्जिकल हमले वक्त की जरूरत थे

उरी में ब्रिगेड मुख्यालय के आतंकवादियों के हमले के 11 दिन बाद, 29 सितंबर को नियंत्रण रेखा पर सर्जिकल हमलों से निश्चित ही एक स्पष्ट संदेश गया है, ‘बस, बहुत हो चुका’।
आईएमएफ के अर्थशास्त्री ने कहा, भारत उम्मीद की किरण, पर एनपीए चुनौती

आईएमएफ के अर्थशास्त्री ने कहा, भारत उम्मीद की किरण, पर एनपीए चुनौती

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री मौरिस ऑब्स्टफेल्ड ने आज आर्थिक ताकतों के जटिल जोड़ के बीच भारत को एक उम्मीद की किरण बताया। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रगति के बावजूद सरकारी बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) चुनौती है।
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