![अखाड़े में बदल चुकी है संसद: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी](https://outlookhindi-assets.s3.ap-south-1.amazonaws.com/public/uploads/article/gallery/2dac89928e6c42387f9d329918812720.jpg)
अखाड़े में बदल चुकी है संसद: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
स्वतंत्रता की 68वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देशवासियों का हार्दिक अभिनंदन किया है। राष्ट्र के नाम संदेश में उन्होंने संसद में होने वाले हंगामे पर विशेष रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि लोकतंत्र की हमारी संस्थाएं दबाव में हैं। संसद परिचर्चा के बजाय टकराव के अखाड़े में बदल चुकी है। अच्छी से अच्छी विरासत के संरक्षण के लिए लगातार देखभाल जरूरी होती है। समय आ गया है कि जब जनता तथा राजनैतिक दल गंभीर चिंतन करें।