भोपाल में चल रहे 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में साहित्यकारों और साझी संस्कृति की अवहेलना पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। वरिष्ठ कवि सरकारी रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए, इसे हिंदी भाषा का अपमान और हिंदू सम्मेलन की संज्ञा देते है
विवादों के बीच भोपाल में शुरू हुआ 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन बगैर कोई छाप छोड़े समाप्त हो गया। पूरे कार्यक्रम के आयोजन में इसके उद्घाटन और समापन पर ही आयोजकों का सारा फोकस था। पर उसके बावजूद कार्यक्रम पूरी तरह से अपने उद्देश्यों से दिशाहीन होकर समाप्त हो गया। विवादों का ही असर हुआ जिसके चलते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इसके समापन समारोह में अपने पहले से तय कार्यक्रम के बावजूद नहीं आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भाषा की भक्ति बहिष्कृत करने वाली नहीं होनी चाहिए बल्कि यह सम्मिलित करने वाली होनी चाहिए। हिंदी उनकी मातृभाषा नहीं है लेकिन उन्हें हिंदी की ताकत का अहसास है। हिंदी के बिना आज वह यहां तक नहीं पहुंचते।
भोपाल में शुरू होने वाले 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन शुरुआत से पहले ही जमकर विरोध में साहित्यकारों की जमात हो रही है।। एक दिन पहले केन्द्रीय मंत्री वी.के. सिंह के विवादास्पद बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया है।
मध्यप्रदेश में भाजपा के महाजनसंपर्क अभियान की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भोपाल हैं। पिछले दो दिन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी भोपाल में हैं। लेकिन इस दौरान अमित शाह ने मीडिया से कोई बात नहीं की। व्यापमं घोटाले से जुड़े लोगों की मौत और सुप्रीम कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश जैसे मुद्दों पर अमित शाह चुप्पी साधे हुए हैं। हाला के दिनों में ऐसा पहली बार हुआ है कि भोपाल आने के बाद अमित शाह मीडिया से इतनी दूरी बनाए हुए हैं।
भारत भवन में 10 से 19 जुलाई 2015 तक उत्तर प्रदेश महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इस महोत्सव में कला प्रदर्शनी, गायन, वादन, नृत्य, कविता पाठ, वक्तव्य, नाटक, फिल्म प्रदर्शन और व्यंजन मेला आदि कार्यक्रम होंगे।