शादी से भी जरूरी हो गया है, महिला संगीत। शादी में डीजे यानी डिस्क जॉकी की मुसीबत रहती है। ‘मेरा वाला गाना’ का शोर हर तरफ होता है। पर लगता है मध्य प्रदेश के भोपाल में शायद यह अब नहीं हो पाएगा।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुस्लिम समुदाय ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ हिंदू महासभा के कमलेश तिवारी द्वारा की गई टिप्पणी पर विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया। इकबाल मैदान में भारी संख्या में जुटे मुस्लिम लोगों ने एक स्वर में कहा कि हिंदुत्व को बढ़ावा देने वाले संगठनों को हमारे धर्म का अपमान करने का हक नहीं है।
गुजरात के निकाय चुनाव राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के लिए झटका साबित हुए हैं। हालांकि राज्य की सभी छह नगर निगमों में पार्टी ने फिर से अपनी सत्ता कायम कर ली है मगर राज्य के ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस ने जोरदार वापसी की है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह जिले मेहसाणा के जिला पंचायत और नगरपालिका दोनों जगह कांग्रेस की जीत हुई है।
2 दिसंबर 1984 को एक भयानक औद्योगिक दुर्घटना हुई जिसे भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। यूनियन कार्बाइड कंपनी के कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ जिससे लगभग 15000 से अधिक लोगो की जान गई और अनगिनत लोग शारीरिक अपंगता का शिकार हुए।
भारत सरकार में इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी और विवेकानंद फाउंडेशन के फेलो आरएनपी सिंह को खुफिया से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में गहरा अनुभव है। उनकी राइट्स एंड रांग्स, बांग्लादेश डिकोडेड और हिंदी में दो पुस्तकें बहुत चर्चित रहीं। नेहरू: ए ट्रबल्ड लीगेसी से उन्होंने कुछ मौलिक सवाल उठाए हैं: क्या हमने कभी नेहरू के बारे में ईमानदारी से मूल्यांकन किया है और इस प्रभाव में क्या हमने देश के समकालीन इतिहास का निष्पक्ष मूल्यांकन किया है? इस पुस्तक में नेहरू के सिद्धांतवाद या अपने हित में दोहरे मानदंड अपनाने पर सवाल उठाए गए हैं।
दिवाली में इस बार भारत रेलयात्रियों को ट्रेनों की नई रूपसज्जा चौंका सकती है। भारतीय रेल ने इस दिवाली से कई दशक पुराने और जीर्ण-शीर्ण डिब्बों की जगह नए अंदाज और नए रंगों वाले डिब्बे जोड़ने की तैयारी कर ली है।
दिल्ली के करीब दादरी के एक गांव में मीट के टुकड़े मिलने से तनाव फैल गया। प्रशासन ने ऐतियात के तौर पर इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। इसी इलाके के बिसाहड़ा गांव में उग्र भीड़ ने गोमांस खाने के संदेह पर अखलाक नामक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार दिया था।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच, नगर निकायों की भूमिका पर सवाल उठाने लगे हैं। लोगों का मानना है कि मच्छर जनित बीमारी से निपटने में स्थानीय नगर निगमों की लचर तैयारियाें की पोल खोल खुल गई है। दिल्ली में डेंगू के कुल मामले 2000 की संख्या को पार कर ग हैं। सितंबर में ही 1200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
झीलों के शहर से हिंदी की सुरलहरी की अनुगूंज विश्व भर में गूंजी। देश-विदेश से आए लोग इस दिवस का हासिल है। साक्षीजनों के बीच से जो संदेश निकलकर आया, उसके अर्थ और निमित्त बहुत ही दूरगामी है।