तेहरान में भारत, ईरान और अफगानिस्तान की एक त्रिपक्षीय बैठक में आतंकवाद से मुकाबले के तौर-तरीकों, कनेक्टिविटी परियोजनाओं के क्रियान्वयन और कई अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।
सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम संशोधन विधेयक में संशोधन करने वाले अध्यादेश को जारी किए जाने को कार्याेत्तर प्रभाव से आज स्वीकृति प्रदान की। यह अध्यादेश चौथी बार जारी किया गया है।
बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जिनमें एशियाई क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रूपये के विकास कोष को मंजूरी के अलावा, केंद्रीय अंतर्देशीय जल निगम परिवहन निगम को भंग करने की मंजूरी शामिल है। इसके अलावा भारत, ब्रिटेन साइबर सुरक्षा वाचडाॅग ने सहयोग के लिए समझौते पर भी हस्ताक्षर किया गया। जो महत्वपूर्ण फैसले हैं वे इस प्रकार हैं।
आज शाम चार बजे दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में भारतीय जनता पार्टी के 52 रज्यसभा सांसदों की बैठक होने वाली है। बैठक के पहले सत्र की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह करेंगे।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पार्टी द्वारा आयोजित की गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग नहीं ले सकी। वसुंधरा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भूटान यात्रा पर थी।
ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पार्टी, सरकार के साथ समन्वय के लिए भोपाल में जो बैठक आयोजित की उससे खुद सरकार को ही शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। बैठक की जानकारी देते हुए एक सूत्र ने बताया कि इस बैठक में प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के नौकरशाह पूरे देश में सबसे भ्रष्ट हो गए हैं।
भोपाल में यूं तो इसे संघ और पार्टी की सामान्य समन्वय बैठक कहा जा रहा है मगर दरअसल इसमें कहीं ज्यादा गंभीर विषयों पर विचार किया गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक में संघ के सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी एवं सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात के मंत्रियों और सरकारों के कामकाज के अलावा सत्ता-संगठन से जु़ड़े कई मुद्दों की समीक्षा की।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मंशा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इस बार सत्ता में बदलाव होना चाहिए। इसके लिए संघ पीछे से अपनी रणनीति पर कार्य करेगा। सरसंघचालक मोहन भागवत ने इसके संकेत दिए हैं। देश में दलितों को लेकर हो रहे बवाल से चिंतित संघ प्रमुख ने सामाजिक समरसता पर भी पूरा जोर दिया। संघ की संगठनात्मक बैठकों में ऐसे सभी मसलों सहित पूरी रणनीति पर मंथन किया गया। लोकसभा चुनाव से पहले किए वादे और दलित मामलों पर घिरी भाजपा अपने लिए अब नए मसले की तलाश में है। उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड में भाजपा को संघ ही सबसे अहम स्तंभ के रुप में दिख रहा है।