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केरल: पूजा स्थलों के निकट तेज आवाज वाली आतिशबाजी पर बैन

केरल: पूजा स्थलों के निकट तेज आवाज वाली आतिशबाजी पर बैन

कोल्लम के निकट मंदिर में हुए हादसे को लेकर सख्त केरल उच्च न्यायालय ने राज्य में पूजा स्थलों के आसपास तेज आवाज वाली आतिशबाजी पर प्रतिबंधित लगा दिया। वहीं रविवार को पुत्तिंगल मंदिर हादसे के सिलसिले में मंदिर प्रबंधन समिति के सात सदस्यों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हादसे में अब तक 112 लोगों की मौत हो गई है।
चर्चाः जिंदा जला, तमाशा किया | आलोक मेहता

चर्चाः जिंदा जला, तमाशा किया | आलोक मेहता

दुनिया के किसी धार्मिक ग्रंथ में उपासना केंद्र में आतिशबाजी, मादक पदार्थों के सेवन और चोरी-हत्या की शिक्षा नहीं दी गई है। हर धर्म के उपासना केंद्र सर्वशक्तिमान के प्रति सम्मान, ध्यान, मानसिक शांति, संपूर्ण मानव समाज और बहुत हद तक प्राणी मात्र के लिए दया, करुणा, ममता, सहायता की प्रार्थना के केंद्र माने जाते हैं।
केरल के मंदिर में आग, 83 की मौत

केरल के मंदिर में आग, 83 की मौत

परवूर स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर में एक उत्सव के दौरान आज तड़के तीन बजे हुए विस्फोट में कम से कम 83 लोग मारे गए और कई अन्य लोग घायल हो गए। मंदिर में उत्सव के चलते आधी रात से ही परिसर में आतिशबाजी की जा रही थी और सैकड़ों लोग इसे देखने के लिए एकत्र हुए थे।
केरल हादसा: अब तक 100 की मौत, पीएम ने लिया हालात का जायजा

केरल हादसा: अब तक 100 की मौत, पीएम ने लिया हालात का जायजा

केरल में कोल्लम के पास स्थित 100 वर्ष पुराने पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में आज आतिशबाजी के दौरान लगी भीषण आग से अब तक 100 लोगों की मौत हो गई और करीब 400 अन्य घायल हो गए। घटना के कुछ ही घंटों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां का दौरा किया और हालात का जायजा लिया।
प्रतिबंध हटने के बाद शनि मंदिर में लगी महिला श्रद्धालुओं की भीड़

प्रतिबंध हटने के बाद शनि मंदिर में लगी महिला श्रद्धालुओं की भीड़

महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर 400 साल से जारी प्रतिबंध के खत्म होने के बाद पूजा अर्चना करने के लिए आज सुबह से ही मंदिर में पुरूषों और महिलाओं की लंबी कतारे देखने को मिलीं। शनिवार को शनि भगवान की विशेष पूजा की परंपरा है।
शनि शिंगणापुर में 400 साल पुरानी परंपरा टूटी, महिलाएं करेंगी पूजा

शनि शिंगणापुर में 400 साल पुरानी परंपरा टूटी, महिलाएं करेंगी पूजा

महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 साल पुरानी परंपरा टूट गई। यहां महिलाओं को भी पूजन करने की इजाजत आज ट्रस्ट ने दे दी। महिलाओं को इस पूजन का अधिकार दिए जाने की लड़ाई लड़ रहीं तृप्ति देसाई आज इस सफलता से बहुत खुश हैं।
शनि शिंगणापुर मंदिर में नहीं मिला महिला अभियानकर्ताओं को प्रवेश

शनि शिंगणापुर मंदिर में नहीं मिला महिला अभियानकर्ताओं को प्रवेश

बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा मंदिरों में प्रवेश को महिलाओं का मौलिक अधिकार बताए जाने के एक दिन बाद शनिवार को बड़ी संख्या में महिलाओं ने शनि शिंगणापुर मंदिर के भीतरी गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन ग्रामीणों और पुलिस ने उन्हें रोक दिया। नाराज भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई ने कहा कि अगर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ करने वाले न्यायालय के आदेश का सम्मान करने में विफल रहे तो वह उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएंगी।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद भूमाता ब्रिगेड शिंगणापुर के लिए रवाना

हाईकोर्ट के फैसले के बाद भूमाता ब्रिगेड शिंगणापुर के लिए रवाना

बंबई उच्च न्यायालय के आदेश से उत्साहित होकर तृप्ति देसाई के नेतृत्व में भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता आज शनि शिंगणापुर मंदिर के लिए रवाना हुईं। अहमदनगर जिले में स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर की परंपरा महिलाओं को तीर्थस्थल के पवित्र चबूतरे पर प्रवेश से रोकती है।
महाराष्ट्र में मंदिरों में प्रवेश महिलाओं का मौलिक अधिकार: अदालत

महाराष्ट्र में मंदिरों में प्रवेश महिलाओं का मौलिक अधिकार: अदालत

महाराष्ट्र में महिलाओं को अब मंदिरों में प्रवेश से रोका नहीं जाएगा क्योंकि बंबई उच्च न्यायालय ने आज निर्देश देते हुए कहा कि पूजास्थलों पर जाना महिलाओं का मौलिक अधिकार है और इसकी रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है। मंदिरों में लैंगिक समानता के लिए अभियान चला रही सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने अदालत के आदेश का स्वागत किया है।
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