पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में गोलीबारी की तीन अगल-अलग घटनाओं में अल्पसंख्यक शिया मुसलमान समुदाय के तीन सदस्यों सहित चार लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए है।
राजस्थान में गुर्जर फिर आंदोलन पर हैं। वे गुरुवार से मुंबई -दिल्ली रेल मार्ग को बाधित किए बैठे है। गुर्जर अपनी बिरादरी के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण का स्वरूप न्यायपूर्ण बंनाने की मांग भी उठा रहे हैं। कुछ और छोटी जातियों के समूह भी ओ. बी. सी. आरक्षण में एक प्रभावशाली जाति की ज्यादा हिस्सेदारी पर सवाल उठा रहे हैं। सरकार ने गुर्जरों को बातचीत का न्योता दिया है। मगर गुर्जर अब कोई ठोस प्रस्ताव चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कराची में शिया इस्माइली समुदाय को निशाना बनाकर किए गए हमले की निंदा की है और कहा है कि दुख की इस घड़ी में भारत पाकिस्तान की जनता के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ा है।
केंद्र सरकार ने नौ राज्यों में जाटों को आरक्षण का लाभ दिए जाने की अधिसूचना निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि संविधान के तहत उसे अन्य पिछड़े वर्गों की केंद्रीय सूची में शामिल करने का अधिकार है। सरकार का यह कहना है कि आरक्षण प्रदान करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 16(4) से प्राप्त होता है।
भारतीय जनता पार्टी की सांसद किरण खेर लेस्बियन गे बाइसेक्चुअल ट्रांसजेंडर समुदाय के पक्ष में राय कायम करने के लिए काम करने का फैसला लिया है। किरण का मानना है कि समाज को इन लोगों के प्रति नजरिया बदलना चाहिए
उतर प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके अशोक यादव पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के प्रबल समर्थक हैं। उत्तर प्रदेश में जब राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे तब पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण में छेड़छाड़ का प्रयास किया था। यादव ने इसके विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तबसे आज तक यादव पिछड़े वर्ग के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं। यादव कहते हैं कि अगर पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण में फिर छेड़छाड़ हुई तो पूरे देश में आंदोलन होगा। पेश हैं प्रमुख अंश-
भारतीय जनता पार्टी अब जाट आरक्षण के मुददे पर दुविधा में दिखाई पड़ रही है। भले ही भाजपा यह कह रही हो कि जाट आरक्षण निरस्त करने के फैसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। लेकिन पार्टी के ही कुछ सांसद जाटों को आरक्षण दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
नौ राज्यों में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में शामिल कर उन्हें आरक्षण का लाभ देने संबंधी संप्रग सरकार की 2014 की अधिसूचना निरस्त करने के शीर्ष अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिये केन्द्र ने याचिका दायर की है।
पिछले दो महीने में दो अलग-अलग न्यायालयों ने आरक्षण को लेकर एक ही बात कही है। दोनों ही बार कोर्ट ने आरक्षण नीति जारी रखने को उचित कहा है लेकिन यह भी कहा है कि आरक्षण नीति में बदलाव, बल्कि इस पर सतत चिंतन की जरूरत है। यह राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मसला तो है लेकिन इस पर जो राजनीति होती रही है, उससे नीति का मकसद पूरा नहीं हो रहा है। वैसे, राजनीतिक दल इसे लेकर रोटी सेंकने की जब भी कोशिश करते हैं, उनके हाथ में फफोले ही पड़े हैं। यह तो सब जानते ही हैं कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने वाली वीपी सिंह सरकार लौटकर सत्ता में नहीं आई।
भारतीय जनता पार्टी ने एक समय बड़े ही जोर-शोर से महिला आरक्षण की वकालत की थी और कहा था कि भले ही सरकार महिलाओं को आरक्षण ने दे लेकिन पार्टी संगठन में आरक्षण देकर मिशाल पेश करेगी।