आम आदमी पार्टी पर अपनी एक कार्यकर्ता को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने महिला के परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है।
एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) में काम करने वाली और संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा पिछले महीने काबुल में अगवा कर ली गई एक भारतीय महिला को मुक्त करा लिया गया है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने एक सदस्य के जवाब में कहा कि प्रदेश के सीहाेर जिले में फसल खराब होनेे से नहीं बल्कि भूत-प्रेत की डर की वजह से किसानों ने आत्महत्या की। मंत्री के एेसे जवाब पर सदस्यों में हंसी के ठहाके फूट पड़े। उल्लेखनीय है कि सीहोर जिले में पिछले तीन सालों में 418 लोगों ने विभिन्न कारणों से आत्महत्या की है और जिसमें कुछ लोगों ने भूत-प्रेत का साया होने के कारण खुदकुशी की है।
रियो ओलंपिक में भाग लेने जा रही महिला पहलवानों के लिए अच्छी खबर है। अब उनके साथ महिला फिजियो भी जायेगी। खेल मंत्रालय ने फैसला किया है कि पहलवानों के दल के साथ एक महिला फिजियो भी जायेगी। इस बार ओलंपिक में आठ पहलवानों का दल भाग लेगा। पांच पुरुष और तीन महिलाएं। पहले यह तय किया गया था कि टीम के साथ सिर्फ एक फिजियो (पुरुष) जायेगा। पर, महिला पहलवानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया है कि अब टीम के साथ एक महिला फिजियो भी जायेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिफारिश भी लकड़ी की शीट पर गीता उकेरने वाले बेरोजगार बढ़ई संदीप सोनी के काम नहीं आई। अपना रोजगार खड़ा करने के लिए आज चार महीने बाद भी वह सरकारी कार्यालयों और बैंको के चक्कर काट रहा है। संदीप को अभी तक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत बैंक मदद नही कर रहे हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने स्पष्ट शब्दों में चुनौती दी है कि ‘बताएं महंगाई कहां कम हुई है?’ सरकार के नेता और उनके कई समर्थक तर्क देते हैं कि ‘राजन द्वारा ब्याज दरों को ऊंचा रखने की नीति अपनाने से विकास की संभावनाओं पर बुरा असर पड़ा। लेकिन महंगाई कम हुई है।’
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने आलोचकों को उन्हीं के अंदाज में जवाब देते हुए चुनौती दी कि साबित करें कि मुद्रास्फीति कहां कम हुई है। उन्होंने अपनी आलोचनाओं को महज डायलॉगबाजी करार देते हुए उसे खारिज कर दिया।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर दुव्वुरी सुब्बाराव ने तत्कालीन सरकार में अपने आकाओं पर तीखी टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया कि पूर्व वित्त मंत्रियों पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी ने केंद्रीय बैंक के कामकाज में विशेष तौर पर ब्याज दर तय करने के मामले में हस्तक्षेप किया और इस मुद्दे पर मतभेद के चलते दो डिप्टी गवर्नरों को सेवा विस्तार भी नहीं मिला।