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Search Result : "मांझी - द माउंटेन मैन"

मांझी के बेटे को जमानत, आयकर विभाग ने भी की पूछताछ

मांझी के बेटे को जमानत, आयकर विभाग ने भी की पूछताछ

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे प्रवीण कुमार की कार से आज पुलिस ने 4 लाख 65 हजार रुपये जब्त किए हैं। उन्‍हें जहानाबाद में पटना जाते हुए हिरासत में लिया गया और उनकी कार में रखी रकम जब्‍त कर ली।
राजग में तकरार, मांझी ने साधा पासवान पर निशाना

राजग में तकरार, मांझी ने साधा पासवान पर निशाना

रामविलास पासवान अपने पुत्र और भाइयों से ऊपर अपने को और अपनी पार्टी लोजपा को कभी भी नहीं बढ़ने दे सके। उनकी पूरी राजनीति केवल अपने परिवार के इर्द गिर्द ही घूमती रहती है। यह कहना है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का।
राजग  में सीटों को बंटवारे को लेकर नहीं बनी सहमति

राजग में सीटों को बंटवारे को लेकर नहीं बनी सहमति

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई। भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेताओं की बैठक में भाजपा ने साफ कर दिया कि वह 150 से 170 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बाकी सीटें सहयोगी दलों के लिए रहेगी।
शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना

शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अपने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने में नहीं चूक रहे। पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार के संग नजदीकियां बढ़ा रहे शत्रुघ्न ने इस बार मांझी द माउंटेन मैन फिल्म के बहाने नरेंद्र मोदी के डीएनए वाले बयान पर निशाना साधा है।
सच्ची प्रेम कहानी मांझी की

सच्ची प्रेम कहानी मांझी की

सच्ची घटनाओं को परदे पर उतारना अपने आप में मुश्किल काम है। वास्तविक चरित्र के बारे में दर्शकों की जानकारी कुछ ज्यादा ही होती है और वे फिल्म देखते वक्त भूल जाते हैं कि घटनाओं को परदे पर उतारने के लिए नाटकीयता का सहारा लेना जरूरी होता है। मांझी- द माउंटेन मैन इसी का उदाहरण है।
उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आम आदमी के चट्टानी इरादों को दर्शाती फिल्म मांझी - द माउंटेन मैन को राज्य में मनोरंजन कर से मुक्त करने का फैसला किया है।
सार्वजनिक संस्‍था है बीसीसीआई: खेल मंत्री

सार्वजनिक संस्‍था है बीसीसीआई: खेल मंत्री

खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार कहा कि देश के अन्य किसी खेल महासंघ की तरह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को भी अपने कामकाज में जवाबदेह और पारदर्शी बनने की जरूरत है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के अनुसार वह सार्वजनिक संस्था है।
मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

साधरण कद-काठी, साधारण चेहरा-मोहरा। सांवली रंगत लेकिन जन्मजात सहज अभिनय करने की कुशलता। यह हैं, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे बुढाना में जन्में और पले-बढ़े नवाजुद्दीन सिद्दीकी। नवाजुद्दीन किसी बड़े फिल्मी परिवार से नहीं हैं, न ही उनका बॉलीवुड में कोई गॉडफादर रहा। अपने दम पर नाम और शोहरत कमाने वाले नवाजुद्दीन के लिए यह सब बहुत आसान नहीं था। मुजफ्फरनगर में रहते हुए जहां उनके पास मनोरंजन के लिए टीवी नहीं था, उन्होंने लोक कलाकारों के बीच तमाशा, रामलीला देखते हुए अपना बचपन बिताया। नवाजुद्दीन उन्हीं कलाकारों की तरह होना चाहते थे। वैसे ही बनना चाहते थे। पर कैसे यह उन्हें उस वक्त पता नहीं था। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से स्नातक के बाद उन्होंने कई तरह की नौकरियां कीं। यहां तक की चौकीदार की भी। फिर भी अभिनय की भूख थी कि खत्म नहीं हुई थी। विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें और मजबूत कर दिया। इसी बीच उन्हें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बारे में पता चला और बस अभिनय के गुर सीखने वह यहां चले आए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में रहते हुए उन्होंने कई नाटकों को करीब से जाना। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कोर्स पूरा करने के बाद दिल्ली में ही उन्होंने कई नाटक किए और फिर वहीं चले आए, जो अभिनय की दुनिया में स्थापित होने के लिए मक्का है, मुंबई। एक लंबे संघर्ष के बाद खुरदुरे चेहरे वाला यह अभिनेता निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बनता जा रहा है। ब्लैक फ्राइडे, गैंग्स ऑफ वासेपुर, तलाश, बदलापुर, बजरंगी भाईजान के बाद अब सभी की निगाहें उनकी आने वाली फिल्म मांझी- द माउंटेनमैन पर टिकी हुई हैं।
डॉ. कलाम से जुड़े 7 किस्‍से जो हमेशा प्रेरणा देंगे

डॉ. कलाम से जुड़े 7 किस्‍से जो हमेशा प्रेरणा देंगे

डॉ. एपीजे अब्‍दुल कलाम के निधन के साथ देश ने एक महान वैज्ञानिक, दार्शनिक और युवाओं को प्ररेणा से भर देने वाला व्‍यक्तित्‍व खो दिया है। उनकी सादगी और विचारों ने देशवासियों पर अमिट छाप छोड़ी है। उनके जीवन से जुड़ी कई ऐसी घटनाएं हैं, जो जिंदगी के प्रति उनके नजरिए और सोच को जाहिर करते हुए हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।
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