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Search Result : "माधव जोशी"

कहां पहुंची नेपाल में संविधान निर्माण की राजनीति

कहां पहुंची नेपाल में संविधान निर्माण की राजनीति

नेपाल में भूकंप के बाद संविधान निर्माण की प्रक्रिया को लेकर विभिन्न दलों के प्रयासों में गंभीरता और तेजी तो आई, लेकिन अभी कुछ मसले अटके हुए हैं। इन्हें पाटने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय भी सक्रिय हुआ है। इस संदर्भ में विदेश मंत्रालय ने नेपाल और भारत में प्रमुख नेपाली राजनीतिक दलों के चुनिंदा नेताओं से बातचीत का क्रम शुरू कर दिया है।
सेवा की जीवंत मिसाल थीं सिस्टर निर्मला

सेवा की जीवंत मिसाल थीं सिस्टर निर्मला

नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा के बाद मिशनरीज आफ चैरिटी का काम-काज संभालने वाली सिस्टर निर्मला जोशी का पूरा जीवन गरीबों और समाज के पिछड़े तबके के लोगों के उत्थान के प्रति ही समर्पित रहा। प्रचार और सुर्खियों से कोसों दूर रहने वाली सिस्टर निर्मला में प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सच के साथ खड़े रहने का साहस था। उन्होंने कभी किसी गलत आरोप या अफवाह के सामने सिर नहीं झुकाया। बातचीत में तो इतनी विनम्र कि एकबार उनसे मुलाकात करने वाला उनका मुरीद बन जाता था।
75 पार के नेता दिमागी मृत घोषित किए: यशवंत सिन्हा

75 पार के नेता दिमागी मृत घोषित किए: यशवंत सिन्हा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने हमला बोला है। उन्होंने पीएम पर पार्टी के बुजुर्ग नेताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सिन्हा ने कहा कि भाजपा के 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के नेता 26 मई, 2014 के बाद दिमागी रूप से मृत मान लिए गए थे। सिन्हा ने यह टिप्पणी इस तथ्य के मद्देनजर की कि मोदी के मंत्रिमंडल में 75 वर्ष से ऊपर की उम्र के नेता नहीं शामिल किए गए।
योग दिवस कार्यक्रम में उपराष्‍ट्रपति को नहीं बुलाया

योग दिवस कार्यक्रम में उपराष्‍ट्रपति को नहीं बुलाया

कुछ लोग जहां योग दिवस समारोह में उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी की गैर-मौजूदगी पर सवाल उठाने की कोशिश कर रहे थे वहीं, उपराष्‍ट्रपति के कार्यालय ने बताया है कि उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित ही नहीं किया गया था।
हम गिलगित-बालतिस्तान वासियों के संघर्ष के साथ हैं

हम गिलगित-बालतिस्तान वासियों के संघर्ष के साथ हैं

भारत-पाकिस्तान विवादों में ताजा कड़ी जुड़ गई। पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित- बालतिस्तान क्षेत्र में नया चुनाव करा रहा है। मालूम हो कि अपने हिस्से वाले कश्मीर को पाकिस्तान अनेक अलग-अलग टुकड़ों में पहले ही बांट चुका है जिनमें एक गिलगित-बालतिस्तान है। पाकिस्तान एक हिस्सा चीन को सौंप चुका है। दो अन्य हिस्से हैं – हुंजा या उत्तरी इलाके और पाक अधिकृत कश्मीर जिसमें मीरपुर और मुजफ्फराबाद के क्षेत्र हैं। भारत सरकार इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करा चुकी है। इस तथा अन्य मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, जम्मू-कश्मीर के पार्टी प्रभारी और भारतीय जनता पार्टी में विदेशी मामलों को देख रहे राम माधव ने आउटलुक हिंदी से बात की।
गिलगित-बालतिस्तान चुनाव पर भारत का कड़ा एतराज

गिलगित-बालतिस्तान चुनाव पर भारत का कड़ा एतराज

पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के विवादित हिस्से गिलगित बालतिस्तान में आने वाले 8 जून को चुनाव हो रहे हैं। भारत इस कब्जे को हमेशा से अवैध बताता है। भारत ने इस चुनाव पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
वृत्तचित्र व्यवसाय के व्यवधान

वृत्तचित्र व्यवसाय के व्यवधान

बहुत दिन नहीं बीते हैं, जब बीबीसी के लिए लेजली उडविन द्वारा बनाए गए एक वृत्तचित्र पर खूब हंगामा हुआ। संसद से लेकर सडक़ तक विरोध के स्वर गूंजे और शायद इसी बहाने पहली बार भारत में वृत्तचित्र पर इतनी बात हुई।
संजय जोशी की घर वापसी पर मन की बात

संजय जोशी की घर वापसी पर मन की बात

अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब नरेंद्र मोदी की ‘मित्रों’ की सूची से बाहर रहने वाले संजय जोशी के जन्मदिन पर दिल्ली के इस कोने से उस कोने तक बधाइयों के संदेश वाले पोस्टर लग गए थे। आयुष मंत्री श्रीपाद नाइक समेत दो और नेताओं को सफाई देने के साथ श्रीपाद के निजी सचिव को इस्तीफा देना पड़ा था। अब यह ‘पोस्टर वार’ लगता है खुल कर सामने आ गया है।
संजय जोशी पर सांसत में तीन मंत्री

संजय जोशी पर सांसत में तीन मंत्री

संघ, संजय जोशी को फिर मुख्यधारा में लाने का प्रयास करता रहता है यह सभी जानते हैं। यही वजह है कि एक धड़ा उनसे अच्छे रिश्ते बनाए रखना चाहता है ताकि जब भी बदलाव हो और वह कोई पद संभालें तो उनसे नए सिरे से दोस्ती न शुरू करना पड़े।
कहानी - एक गिलास पानी

कहानी - एक गिलास पानी

माधव जोशी पेशे से कार्टूनिस्ट हैं। उनका पहला ही उपन्यास ही बेस्ट सेलर रहा। मराठी भाषा में लिखा गया यह उन्यास, एक पिता की आत्मकथा नाम से आया और पाठकों ने इसे हाथों हाथ लिया। उनकी कार्टून की धार बहुत ही पैनी और सटीक होती है। इसके विपरीत उनकी रचनाएं मानवीय संवेदनाओं के साथ-साथ रिश्तों की अलग परिभाषा गढ़ती है।
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