एनडीए की ओर से वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के साथ ही मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। पिछले तीन साल के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री की उम्मीदों पर खरा न उतरने वाले मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है।
पीएम मोदी ने मानसून सत्र के पहले दिन जीएसटी को सफल बताते हुए कहा कि जब देश के सभी राजनीतिक दल, सभी सरकारें सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रहित के तराजू पर तौलकर फैसला करती है, तो कितना महत्वपूर्ण राष्ट्रहित का काम होता है, जो जीएसटी में सफल और सिद्ध हो चुका है।
कई राज्यों में किसान आंदोलन चल रहा है। किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी के मद्देनजर मार्क्सवाद कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर संसद के मानसून सत्र में किसानों के लिए कानून बनाने की मांग की है।
संसद के मानसून सत्र के 12 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। इस सत्र में संसद के दोनों सदनों पर किसानों से संबंधित मसले छाए रह सकते हैं। संसद का मानसून सत्र हंगामा भरा हो सकता है।
मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपने पूर्व के अनुमान में संशोधन करते हुए कहा है कि इस साल मानसून में बारिश औसत की 98 फीसदी हो सकती है। पूर्व के अनुमान के मुताबिक 96 फीसदी बारिश होने की संभावना जताई गई थी।
काफी समय से लंबित पड़ा राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मानसून सत्र में संसद में पेश होगा और खेलमंत्री विजय गोयल ने चेताया है कि इसका पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार से कुछ नहीं मिलेगा।
सरकार ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 15 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें नोटों को अमान्य किए जाने, लक्षित हमले और तीन तलाक जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। विपक्ष इन मसलों पर सरकार पर हावी हो सकता है। आगामी दिनों में चुनाव की रणनीति को तैयार करने के लिहाज से भी यह बैठक सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
कांग्रेस विधायकों के प्रदर्शन के दौरान आज पंजाब के कैबिनेट मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया पर एक जूता फेंका गया जो उन्हें नहीं लगा और उनके बैठने की जगह से कुछ पहले गिरा। मानसून सत्र के अंतिम दिन एक अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग कर रहे कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच सदन में विधानसभा के स्पीकर की ओर दस्तावेज भी फेंके गए।
लगातार दो सालों तक सूखे के बाद भारत में औसत बारिश हुई है। बारिश अगस्त के अंत तक 100 फीसदी के औसत से 2 प्रतिशत कम थी। लेकिन इसके बावजूद देश के एक तिहाई से ज्यादा हिस्से में कम बारिश हुई है। जिस कारण से यहां सूखे का संकट उत्पन्न होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।