दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच के बाद से ही सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोर-शोर से चलने लगी, 'अरे भाई, धोनी के साथ नहीं खेलना है तो साफ मना कर दो, मैदान पर इस तरह खेलकर क्यों टीम की लुटिया डूबा रहे हो?’
दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग आज आईआईटी-दिल्ली के छात्रों से रूबरू हुए। इस दौरान आयोजित एक गोष्ठी में उन्होंने देश भर से पूछे गए सवालों के जवाब दिए। जुकरबर्ग की इन बातों में इंटरनेट और सोशल मीडिया को लेकर फेसबुक की भावी रणनीति की झलक देखी जा सकती है। जानिए, इस बार भारत को क्या बताकर गए जुकरबर्ग
चुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लड़ने-लड़ाने वालों को छोड़कर सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे हैं। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर होता है। उसे अमेरिकी चुनाव की भी अंदरुनी जानकारी होती है तो यह कैसे कह सकते हैं कि बिहार में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
देश में बढ़ती असहिष्णुता के मुद्दे पर जारी विरोध-प्रदर्शनों के बीच एक महिला कन्नड़ फिल्मकार एवं लेखिका को सोशल मीडिया पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दिए जाने की खबर है।
अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।
उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद अगर कोई झूठी अफवाह फैलाता है तो पुलिस उस पर कार्रवाई कर सकती है। ताजा मामला सहारनपुर का है जहां रितु राठौर नाम की एक महिला के खिलाफ गाय से संबधित अफवाह फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि रितु राठौर भाजपा से जुड़ी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयरलैंड की यात्रा पर हैं। उसके बाद उनका अमेरिका की आई टी उद्योग भूमि सिलिकन वैली में भी कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री की बार-बार विदेश यात्राओं पर देशवासी टि्वटर पर हैशटैग #modiforeignjunkets के जरिये छीटाकंशी कर रहे हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री के अमेरिका और सिलिकन वैली जाने को भी कुछ तबकों में आड़े हाथों लिया जा रहा है। अमेरिका में रह रहे गुजराती मूल के पटेल उनके खिलाफ सड़कों पर उतरने को तैयार हैं तो अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ा रहे विद्वानों ने भी मोदी को वहां बुलाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है।
लखनऊ के फोटो जर्नलिस्ट आशुतोष त्रिपाठी के कैमरे से ली गईं कुछ तस्वीरों ने न सिर्फ एक बुजुर्ग टाइपिस्ट को इंसाफ दिलाया बल्कि सोशल मीडिया की ताकत का भी अहसास करा दिया। पूरी ईमानदारी और साहस से अपना फर्ज निभाने वाले आशुतोष के जज्बे की भी खूब तारीफ हो रही है।