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Search Result : "मुख्‍यमंत्री जयललिता"

अन्नाद्रमुक ने चिन्नम्मा शशिकला को बनाया पार्टी प्रमुख

अन्नाद्रमुक ने चिन्नम्मा शशिकला को बनाया पार्टी प्रमुख

दिवंगत जे जयललिता की करीबी सहयोगी वी के शशिकला को अन्नाद्रमुक की मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति पार्टी की शीर्ष निर्णायक इकाई द्वारा इस संदर्भ में सर्वसम्मति के साथ एक प्रस्ताव पारित करने पर हुई है। यह प्रस्ताव चेन्‍नई में आयोेजित जनरल काउंसिल की बैठक में सर्वसम्मति के साथ स्वीकार किया गया। पार्टी की महासचिव और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद से यह पद खाली था।
तमिलनाडु के मुख्‍य सचिव के आवास पर इनकम टैक्‍स विभाग ने मारा छापा

तमिलनाडु के मुख्‍य सचिव के आवास पर इनकम टैक्‍स विभाग ने मारा छापा

तमिलनाडु के मुख्य सचिव राम मोहन राव के चेन्‍नई में अन्ना नगर स्थित आवास पर आयकर विभाग ने छापा मारा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आयकर विभाग ने यह छापा शेखर रेड्डी से मिली जानकारी के बाद मारा है। अन्ना नगर के अलावा 12 अन्य जगहों पर भी कार्रवाई जारी है।
मोदी के नोटबंदी का हश्र वही होगा जो कांग्रेस के नसबंदी का हुआ था: लालू

मोदी के नोटबंदी का हश्र वही होगा जो कांग्रेस के नसबंदी का हुआ था: लालू

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि मोदी के नोटबंदी के फैसले का हाल वही होगा जो कांग्रेस के नसबंदी के फैसले का हुआ था।
एआईएडीएमके में हो सकती है फूट, जयललिता की भतीजी ने राजनीति में आने के दिए संकेत

एआईएडीएमके में हो सकती है फूट, जयललिता की भतीजी ने राजनीति में आने के दिए संकेत

तमिलनाडु में एआईएडीएमके पर फूट पड़ने की आशंका है। जयललिता की भतीजी ने शशिकला को पार्टी की जिम्‍मेदारी देने का विरोध किया है। मंत्री शशिकला पर जिम्‍मेदारी संभालने का दबाव बना रहे हैं।
1900 पार्टियों में से 400 ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, क्‍या बस कालाधन सफेद करती रहीं?

1900 पार्टियों में से 400 ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, क्‍या बस कालाधन सफेद करती रहीं?

देश में 1900 राजनैतिक दल हैं। इन पार्टियों में से करीब 400 पार्टियों ने कभी चुनाव नहीं लड़ा। इसका मीडिया में यही मतलब निकाला जा रहा है कि इन पार्टियों के गठन का लक्ष्‍य कहीं कालेधन को सफेद करना ही तो नहीं था। इस तस्‍वीर के बाद दार्शनिक अंदाज में यह भी कहा जा सकता है कि भारतीयों के जीवन में 'राजनीति' बहुत गहराई तक शामिल है।
जयललिता के निधन पर दुख और सदमे से 77 लोगों की मौत : अन्नाद्रमुक

जयललिता के निधन पर दुख और सदमे से 77 लोगों की मौत : अन्नाद्रमुक

तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल अन्नाद्रमुक ने आज कहा कि जयललिता की बीमारी और उसके बाद निधन के दुख और सदमे से अभी तक 77 लोगों की जान गयी है। पार्टी ने प्रत्येक पीडि़त परिवार को तीन-तीन लाख रूपए की सहायता राशि देने की घोषणा आज की।
अन्‍नाद्रमुक में ही नहीं अन्‍य क्षेत्रीय दलों में भी है उत्‍तराधिकारी की समस्‍या

अन्‍नाद्रमुक में ही नहीं अन्‍य क्षेत्रीय दलों में भी है उत्‍तराधिकारी की समस्‍या

तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर तरह तरह केे सवाल उठ रहे हैं। ओ पनीरसेल्वम, पी रामचंद्रन, थंबीदुरई, ई पलानीस्वामी और शशिकला नटराजन जैसे कई नाम सामने आए लेकिन किसी एक नाम पर सर्वसम्मति नहीं बनी। तमिलनाडु में अन्‍नाद्रमुक के अलावा अन्‍य राज्‍यों में सत्‍ताशीन क्षेत्रीय दलों में भी उत्‍तराधिकारी को लेकर समस्‍या है।
गरीबों के दिलों में उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगी अम्मा की योजनाएं

गरीबों के दिलों में उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगी अम्मा की योजनाएं

जया अम्मा यानी दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता गरीबों को उनकी जरूरत का सामान मुफ्त और बहुत सस्ते में मुहैया कराने वाली मुख्यमंत्री के रूप में याद की जाएंगी। उनकी मौत पर आम गरीब तबके के लोगों के विलखने के पीछे उनका बजट का अधिकांश भाग गरीबों की सेवा में लगाया जाना भी है।
मोदी ने दी जया को श्रद्धांजलि

मोदी ने दी जया को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पार्थिव शरीर वाले ताबुत के समक्ष पहुंचे तो व्यथित मौजूदा मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम कई बार भावुक होकर उनके गले से लिपट गए। कड़ी सुरक्षा के बीच मोदी जब राजाजी हॉल में पहुंचे तो वहां का माहौल बेहद गमगीन हो उठा। जयललिता के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए यहीं रखा गया है।
कुशल प्रशासक थीं जयललिताः भीष्म

कुशल प्रशासक थीं जयललिताः भीष्म

जयललिता अपने राज्य के लोगों के दिलों में राज करतीं थी। गरीबों के लिए उनके दिल में बहुत दर्द था जो उनकी योजनाओं से झलकता है। वह कुशल प्रशासक थीं इसकी वजह से तमिलनाडु में न सिर्फ कानून-व्यवस्था स्थिति अच्छी रही बल्कि वहां विकास के काफी काम भी हुए। यह कहते हुए जयललिता को पहली बार 1991 में शपथ दिलाने वाले तमिलनाडु के तत्कालीन राज्यपाल भीष्म नारायण सिंह भावुक हो जाते हैं।
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