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Search Result : "मुसलमान नागरिक"

सूर्य नमस्कार को लेकर विवाद

सूर्य नमस्कार को लेकर विवाद

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार आवश्यक करने को लेकर विवाद जारी है। प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री प्रो.वासुदेव देवनानी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार और योग के आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग को दरदिनार कर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को स्कूलों में सूर्य नमस्कार के चार्ट लगवाने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट के साइबर फैसले से नागरिक गौरवान्वित

कोर्ट के साइबर फैसले से नागरिक गौरवान्वित

यह आम बात हो गई है कि भारत के राजनीतिज्ञ कठोर राजनीतिक फैसले लेने से कतराते हैं और उन्हें अदालत के भरोसे छोड़ देते हैं। राजनैतिक, कार्यकारी और विधायी जिम्मेदारियों से यह पलायन ही न्यायिक सक्रियतावाद को जन्म देता है।
केजरीवाल का एक और ऑड‌ियो टेप सामने आया

केजरीवाल का एक और ऑड‌ियो टेप सामने आया

दिल्ली में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस विधायकों को तोड़ने के स‌िलस‌िले में कथित तौर पर अरविंद केजरीवाल के चर्चा वाले टेप का व‌िवाद थमा भी नहीं था क‌ि आज एक अन्य टेप सामने आया, जिसमें वह कथित तौर पर बात कर रहे हैं कि नरेंद्र मोदी की लहर को रोकने के लिए मुसलमानों के पास आप के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
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