गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर सिख संगठनों की ओर से पंजाब बंद का असर दिखाई दे रहा है। मालवा पट्टी में खासकर इसका व्यापक असर है। बठिंडा, संगरूर, मोगा, कोटकपूरा और फरीदकोट में हिंसा का असर है। बुधवार को हुई हिंसा के बाद से पंजाब सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है। हिंसा में दो लोग मारे जा चुके हैं और चार की हालत गंभीर है। लगभग सौ लोग जख्मी हैं। सरकार ने सुरक्षा के खासे इंतेजाम किए हैं। दुकानें बंद हैं और सड़कों पर भी पुलिस के अलावा कोई नजर नहीं आ रहा है।
पंजाब के जिला मोगा समेत समस्त मालवा पट्टी में शुरू हुई हिंसा में अभी तक सौ लोग जख्मी हो चुके हैं। सिख जत्थेबंदियों ने कल मालवा बंद का आह्वान किया है। कोटकपूरे के गांव बुर्ज जवाहर सिंहवाला से शुरू हुई हिंसा मालवा के तमाम जिलों फैल चुकी है। गौरतलब है कि लगभग डेढ़ महीने पहले इस गांव के लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि गांव से सिखों का पवित्र ग्रंथ चोरी हो गया है। इसपर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। विवाद बढ़ते- बढ़ते इस हद तक गया कि उसने हिंसा का रूप ले लिया।
पुलिस ने बुधवार को उन पांच यात्रियों का पता लगाने का दावा किया जो उस बस में सवार थे जिसमें एक किशोरी से छेड़छाड़ के बाद उसे बाहर फेंक दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इन यात्रियों के बयान दर्ज कर लिए हैं।