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Search Result : "मौसम विज्ञान विभाग"

देश में एक जून नहीं 28 मई के आस-पास ही आ जाएगा मानसून

देश में एक जून नहीं 28 मई के आस-पास ही आ जाएगा मानसून

मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने कहा है कि इस साल मानसून आमतौर पर तय मानी जाने वाली तारीख यानी एक जून से कुछ दिन पहले 28 मई से 30 मई के बीच केरल पहुंच जाएगा।
केबीसी की कमाई का मामला, बिग बी के खिलाफ केस दोबारा खुलेगा

केबीसी की कमाई का मामला, बिग बी के खिलाफ केस दोबारा खुलेगा

केबीसी की कमाई से संबंधित 15 साल पुराने आयकर मामले में बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन फंसते नजर आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग को अमिताभ से जुड़े इस केस को दोबारा खोलने की इजाजत दे दी है
देश के 13 राज्यों में सूखे की स्थिति, कृषि योग्य भूमि में लगातार कमी

देश के 13 राज्यों में सूखे की स्थिति, कृषि योग्य भूमि में लगातार कमी

देश के 13 राज्य गंभीर सूखे के संकट से जूझ रहे हैं। देश में औसतन हर साल 30 हजार हेक्टेयर खेती योग्य भूमि कम हो रही है। पर्यावरणविदों ने सरकार से मांग की है कि सूखे की समस्या के निपटारे के लिए दीर्घाकालीन पहल करने की जरूरत है।
तमिलनाडु चुनाव: द्रमुक डूबा पीले रंग में, अन्नाद्रमुक पर छाया हरा रंग

तमिलनाडु चुनाव: द्रमुक डूबा पीले रंग में, अन्नाद्रमुक पर छाया हरा रंग

कुछ लोग यह सोच सकते हैं कि रंगों में क्या रखा है लेकिन तमिलनाडु में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख रंगों पर खासा ध्यान दे रहे हैं। इन दलों के लिए हरा और पीला रंग चुनावी मौसम के अहम रंग बन गए हैं।
दिल्ली: नेताजी सुभाष प्लेस में एक इमारत में भीषण आग

दिल्ली: नेताजी सुभाष प्लेस में एक इमारत में भीषण आग

राजधानी दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस में एक इमारत में भीषण आग लग गई है। आग 12 मंजिला इस इमारत की 10वीं मंजिल पर लगी और देखते ही देखते दूसरी मंजिलों में भी फैल गई। आग बुझाने के लिए दमकल विभाग की 22 गाड़ियां लगाई गई हैं।
चर्चाः दाल खट्टी, चीनी कड़वी | आलोक मेहता

चर्चाः दाल खट्टी, चीनी कड़वी | आलोक मेहता

स्वास्‍थ्य गड़बड़ होने पर मुंह का स्वाद बदल जाता है। इसी तरह भारत में मौसम के साथ महंगाई बढ़ने पर आम आदमी के दांत खट्टे भले ही न हों, दाल खट्टी और चीनी कड़वी लगने लगती है। एक तरफ किसानों को अनाज, तिलहन और गन्ने का सही दाम नहीं मिलता और कर्ज से तंग आकर लोग आत्महत्या करते हैं, दूसरी तरफ कालाबाजारी और सूदखोर दलाल एवं व्यापारियों का एक वर्ग मनमाने ढंग से मूल्य वसूलते हैं।
कल से सम-विषम योजना का दूसरा चरण, पूरी तरह तैयार दिल्ली सरकार

कल से सम-विषम योजना का दूसरा चरण, पूरी तरह तैयार दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार सम-विषम योजना का दूसरा चरण कल से शुरू करने के लिए पूरी तरह कमर कस चुकी है और इस सिलसिले में अगले 15 दिनों तक रोजाना सड़कों पर 2000 यातायात कर्मी, 580 प्रवर्तन अधिकारी एवं 5000 से अधिक नागरिक रक्षा स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे।
म्यांमार में भूकंप के तेज झटके, दिल्ली सहित पूर्वी भारत भी दहला

म्यांमार में भूकंप के तेज झटके, दिल्ली सहित पूर्वी भारत भी दहला

बुधवार की शाम एक ही हफ्ते में दूसरी बार भारत के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र भारत-म्यांमार सीमा के निकट बताया गया है जिसके झटके दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर-पूर्व, कोलकाता,पटना, लखनऊ के अलावा भारत के कई जगहों पर महसूस किए गए।
राहत: इस वर्ष खूब बरसेंगे बदरा

राहत: इस वर्ष खूब बरसेंगे बदरा

लगातार दो वर्ष के सूखे के बाद इस वर्ष मानसून के सामान्य से बेहतर होने और देश भर में समान बारिश होने की भारत मौसम विज्ञान विभाग की सूचना किसानों के लिए राहत की खबर लेकर आई है। विभाग ने आज इस वर्ष के पूर्वानुमानों की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून के लिहाज से यह साल अच्छा रहेगा।
जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

आयुर्वेद का अर्थ है, जीवन का विज्ञान। आयुष वेद से मिल कर बने इस शब्द में आयुष का मतलब है जीव और वेद का मतलब है विज्ञान। आयुर्वेद के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली के खेड़ा डाबर, नजफगढ़ में चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान की नींव रखी गई है। यह संस्थान आयुर्वेद की उस धारणा को तोड़ता है जिसमें समझा जाता है कि आयुर्वेद मात्र कुछ जड़ी-बूटियों के सहारे चलता है। यहां पूरे भारत से उच्च शिक्षा प्राप्त अध्यापक हैं और वैज्ञानिक तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता है। यहां अन्य विभागों के साथ लीच यानी जोंक चिकित्सा पद्धति, पंचकर्म, क्षार सूत्र विधि विशेष तौर पर लोकप्रिय हैं। पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण गुप्ता कहते हैं, 'आम आदमी के लिए पंचकर्म सिर्फ मसाज है। ज्यादातर स्पा केंद्रों ने पंचकर्म की एक प्रक्रिया शिरोधारा के फोटो को इतना प्रमोट किया है कि आम जन में यह धारणा हो गई है कि शिरोधारा ही पंचकर्म है।’ प्रो. गुप्ता कहते हैं, 'सरकार को इस चिकित्सा पद्धति के मानक तय करने चाहिए। यानी यदि कोई केंद्र पंचकर्म शब्द का इस्तेमाल कर रहा है तो उसके पास अनिवार्य रूप से क्या सुविधाएं होनी चाहिए। जैसे मधुमेह के रोगियों को तेल की मालिश पंचकर्म में वर्जित है।’ प्रोफेसर गुप्ता बस्ती नेत्र यानी एनीमा देने के उपकरण पर भी सवाल उठाते हैं। वह बताते हैं कि इस अस्पताल में हर चीज मानक रूप से तय की गई है। लंबे मीनारनुमा इस उपकरण के आगे के छेद की गोलाई मटर के दाने बराबर और पीछे का छेद की गोलाई अंगूठे की मोटाई के बराबर होनी चाहिए। यह अस्पताल का सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाला विभाग है, जिसमें सौ से ज्यादा मरीज हमेशा मौजूद रहते हैं।
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