दशकों के सैन्य शासन के बाद म्यांमार के एक नई राह पर कदम बढ़ाने के बीच भारत ने अपने इस पड़ोसी देश को हर कदम पर सहयोग और समर्थन का वादा किया है। दोनों देशों ने अपने संबंधों को गहरा बनाने और क्षेत्र में आतंकवादी एवं उग्रवादी गतिविधियों से मुकाबले में सक्रिय रूप से सहयोग करने का इरादा जाहिर किया।
बुधवार की शाम एक ही हफ्ते में दूसरी बार भारत के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र भारत-म्यांमार सीमा के निकट बताया गया है जिसके झटके दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर-पूर्व, कोलकाता,पटना, लखनऊ के अलावा भारत के कई जगहों पर महसूस किए गए।
म्यांमार की संसद ने नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के करीबी और लंबे समय से सहयोगी रहे हेतिन काव को करीब आधी सदी बाद देश का पहला असैनिक राष्ट्रपति चुन लिया। पूर्व में सैन्य शासन के अधीन रहे देश के राजनीतिक इतिहास में यह एक नया मोड़ है।
आंग सान सू ची की पार्टी ने 8 नवंबर को हुए चुनावों के अब तक आए नतीजों में संसदीय बहुमत हासिल कर लिया है। केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से अब तक जारी किए गए चुनाव परिणाम में शासन के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत हासिल करने में एनएलडी सफल रही। पार्टी अब तक 348 संसदीय सीटें जीत चुकी है और कई सीटों के नतीजे घोषित होने अभी बाकी हैं।
म्यांमार के सेना प्रमुख के बाद अब देश के राष्ट्रपति ने भी आंग सान सू ची की पार्टी को राष्ट्रीय चुनाव में भारी जीत हासिल करने पर बधाई दी है और सत्ता के निर्बाध हस्तांतरण का वादा किया है। म्यांमार में लगभग 50 साल से सेना का प्रभुत्व रहा है।
म्यांमार के चुनाव में अपनी लोकतंत्र समर्थक पार्टी के ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ने के साथ आंग सान सू ची ने राष्ट्रपति और वहां की शक्तिशाली सेना के साथ राष्ट्रीय सुलह की बातचीत का आह्वान किया।
म्यांमार के चुनावों में भारी जीत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही विपक्षी पार्टी ने सरकारी चुनावी पैनल पर जानबूझकर नतीजों में देरी करने का आरोप लगाया है। आंग सान सू की की पार्टी ने कहा है कि शायद चुनावी पैनल कुछ तरकीब लड़ाना चाहता है।