बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा में टाॅपर्स घोटाले के कथित मास्टरमाइंड बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड :बीएसईबी: के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी एवं जदयू की पूर्व विधायक उषा सिन्हा को सोमवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार किया गया।
बिहार बोर्ड टॉपर घोटाले को लेकर एसआईटी की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसी बीच, बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बोर्ड अध्यक्ष से भी एसआईटी की टीम ने पूछताछ की थी।
बिहार बोर्ड परीक्षा परिणाम में टॉपर्स विवाद के बाद विज्ञान संकाय के टॉपर सौरभ श्रेष्ठ और राहुल कुमार का परिणाम रद्द कर दिया गया है। बोर्ड ने विष्णुदेव राय कॉलेज की मान्यता भी निलंबित कर दी है। कला संकाय की टॉपर रूबी राय को फिर से टेस्ट देने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संपूर्ण देश में नीट की बाध्यता तुरंत प्रभाव से लागू किए जाने से मेडिकल और डेंटल कॉलेज में प्रवेश के इच्छुक छात्रों पर भारी संकट मंडरा रहा था। केंद्र सरकार द्वारा इसे इस वर्ष पूर्णत: लागू न किए जाने का अध्यादेश उन सबके लिए राहत लेकर आया है।
एक बार फिर मेडिकल प्रवेश परीक्षा पर गंभीर विवाद। पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला। फिर केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश का निर्णय। इसके बाद खबर मिली कि 24 जुलाई को पूर्व निर्धारित संयुक्त प्रवेश परीक्षा को टाला जा सकता है। मेडिकल-डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए लाखों बच्चे हर वर्ष परीक्षा देते रहे हैं।
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने सूबे में नेतृत्व परिवर्तन की खबरों को मीडिया की उपज करार दिया है। उन्होंने उनके और नितिन पटेल के सोमवार के दिल्ली दौरे को नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को मीडिया के दिमाग की उपज बताया है।
आज सोशल मीडिया पर सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम छाए हुए हैं। यानी टॉप ट्रेंड कर रहे हैं। हर ओर से परीक्षा में अव्वल आने वालों को बधाइयां मिल रही हैं। फेसबुक और टि्वटर पर मुबारकों का तांता लगा हुआ है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए वहां के कुलपति ने अपने सह शिक्षकों समेत नौकरी छोड़ने की धमकी दी है। यही नहीं उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार चाहे तो किसी सांसद या विधायक को, जो राजनीतिक रुख का समर्थन करता हो, उसे कुलपति बना ले।
सिविल सर्विस परीक्षा में 361 वीं रैंक के साथ सफलता हासिल करने वाले मुस्िलम युवक अंसार अहमद शेख ने एक बार अपना नाम बदल कर शुभम रख लिया था। पुणे के फर्ग्युसन कालेज में पढ़ने आए अंसार ने ऐसा इसलिए किया था ताकि उसे कालेज हास्टल में रहने और खाने की उचित सुविधा मिल सके।