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स्‍मार्ट सिटी सूची जारी, पटना, शिमला समेत 9 राजधानी बाहर

स्‍मार्ट सिटी सूची जारी, पटना, शिमला समेत 9 राजधानी बाहर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश में 100 स्‍मार्ट शहर बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में केंद्र सरकार ने कदम बढ़ाया है। स्मार्ट सिटी योजना में शामिल 98 शहरों की सूची जारी की गई है। इस सूची में उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 13 शहरों को जगह मिली है लेकिन पटना, शिमला, मुंबई, बेंगलूरु, कोलकाता, त्रिवेंद्रम समेत 9 राज्‍यों की राजधानियों को बाहर रखा गया है। कई प्रमुख शहरों का योजना में शामिल नहीं होना बड़ा मुद्दा बना सकता है।
मुलायम से लोहा लेने वाले आईपीएस अमिताभ सस्‍पेंड

मुलायम से लोहा लेने वाले आईपीएस अमिताभ सस्‍पेंड

सपा सुप्रीमो से मिली कथित धमकी की पोल खोलना यूपी के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को भारी पड़ गया। राज्‍य सरकार ने उन्‍हें अनुशासनहीना और सरकार विरोधी रुख अपनाने के आरोप में निलंबित कर दिया है। इससे पहले उनके खिलाफ एक रेप का केस भी दर्ज हुआ है।
यूपी में पत्रकार की मां को जिंदा जलाया, पुलिस पर आरोप

यूपी में पत्रकार की मां को जिंदा जलाया, पुलिस पर आरोप

यूपी में पत्रकार जगेंद्र सिंह के बाद अब एक पत्रकार की मां को कथित तौर पर जिंदा जलाकर मार डालने का मामला सामने आया है। दो पुलिसवालों पर रेप की कोशिश और जिंदा जलाने का आरोप लगाने वाली इस महिला ने आज सुबह दम तोड़ दिया।
जगेंद्र की मौत पर केंद्र व यूपी से जवाब तलब

जगेंद्र की मौत पर केंद्र व यूपी से जवाब तलब

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में पत्रकार जगेन्द्र सिंह को कथित तौर पर जिंदा जलाकर मारने के मामले में सु्प्रीम कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार से जवाब मांगा है।
यूपी के बाद महाराष्‍ट्र में पत्रकार काे जिंदा जलाया

यूपी के बाद महाराष्‍ट्र में पत्रकार काे जिंदा जलाया

यूपी में एक पत्रकारों को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद अब महाराष्‍ट्र में खनन माफिया द्वारा एक पत्रकार को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। मारा गया पत्रकार मध्य प्रदेश के बालाघाट का रहने वाला था और खनन माफिया और चिटफंड घोटालों के खिलाफ लगातार खबरें दे रहा था। उसका मध्‍य प्रदेश के बालाघाट से अपहरण हुआ था और उसे नागपुर ले जाकर जिंदा जलाया गया।
यूपी में एक और पत्रकार पर जानलेवा हमला

यूपी में एक और पत्रकार पर जानलेवा हमला

यूपी में एक और पत्रकार पर जनलेवा हमले का मामला सामने आया है। पीलीभीत के एक पत्रकार ने आरोप लगाया है कि उसे कुछ लोगों ने रिवाल्‍वर की बट से पीटा और बाइक से बांधकर घसीटते रहे।
जगेन्द्र सवाल उठाता था, सत्ता ने मार दिया

जगेन्द्र सवाल उठाता था, सत्ता ने मार दिया

शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह ने अपने मृत्‍युपूर्व बयान में खनन माफिया, स्मैक तस्करी और बलात्कार व हत्या आरोपी उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा के इशारे पर पुलिस द्वारा उन्‍हें जिंदा जलाने की बात कही थी। इस घटना ने पूरे देश को सकते में डाल दिया है। लेकिन मामले में नामजद होने के बावजूद अभी तक मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा को गिरफ्तार नहीं किया गया है। आखिरकार जगेन्‍द्र की मौत के जिम्‍मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए उनके पूरे परिवार को अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने को मजबूर होना पड़ा। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा उन पर मुकदमा वापस लेने का दबाव डलवा रहे हैं।
सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

दूरदर्शन द्वारा संस्कृत-समाचार प्रसारण की अवधि बढ़ाने के निर्णय पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत मोदी सरकार के एजेंडे में है। इस निर्णय का निहितार्थ भी आसानी से समझ में आने वाला है, इसलिए इस पर सवाल भी उठेंगे ही। इस ऐलान के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल तो यह है कि संस्कृत में न्यूज बुलेटिनों और समाचार-चर्चा के कार्यक्रमों का दर्शक या श्रोता वर्ग कौन है? दूसरा सवाल यह है कि देश में कितने लोग ऐसे होंगे जो वास्तव में संस्कृत माध्यमों से इन कार्यक्रमों की बाट जोह रहे हैं? ये महज शोशा है या इसकी कोई ठोस जरूरत है?