सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी के पासपोर्ट से संबंधित आवेदन पर तभी विचार करेगी पक जब तब वह सभी औपचारिकताओं को पूरा करेंगे।
कोलकाता में खेले गए मैच में कोलकाता नाइटराइडर्स ने दिल्ली डेयरडेविल्स पर 13 रनों की आसान जीत दर्ज की। टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए केकेआर ने सात विकेट गंवाकर 171 रन बनाए जिसके जवाब में दिल्ली की टीम 158 रन ही बना सकी।
अमरनाथ यात्रा की अवधि 30 दिन तक सीमित करने की हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की मांग खारिज करते हुए हुए जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कि अलगाववादी राज्य में अप्रासंगिक हो चुके हैं, लिहाजा अपनी ओर ध्यान खींचने की खातिर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
tजम्मू कश्मीर प्रशासन ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक सहित कई अन्य अलगाववादी नेताओं को आज नजरबंद कर दिया जबकि इस सप्ताह के शुरू में सेना की कार्रवाई में दो युवकों के मारे जाने के खिलाफ कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के आह्वान पर आयोजित हड़ताल का कश्मीर के कुछ हिस्सों में आंशिक प्रभाव दिखा।
जम्मू कश्मीर में पीडीपी नीत सरकार ने गठबंधन सहयोगी भाजपा के दबाव में शुक्रवार को अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को यहां बुधवार को आयोजित एक रैली के दौरान पाकिस्तानी ध्वज लहराने के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया।
पाकिस्तान की तरफ से 31 दिसंबर 2014 की रात भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाली रहस्यमय नौका को लेकर नौसेना अधिकारियों और भारत सरकार के विवादास्पद बयानों से रहस्य और गहराता जा रहा है।
निर्मला देशपांडे की पाकिस्तान में बरसी से उठी ये सदाएं मनमोहन सिंह पहुंची या यह उनकी अंत: प्रेरणा थी अथवा अमेरिकी उत्प्रेरणा, जैसा कि कुछ लोग विश्वास करना चाहते हैं, शर्म अल शेख के संयुक्त वक्तव्य में ब्लूचिस्तान के जिक्र के लिए राजी होकर और भारत-पाक समग्र वार्ता के लिए भारत में आतंकवादी हमले रोकने की पूर्व शर्त को ढीला करके भारतीय प्रधानमंत्री ने शांति के लिए एक जुआ खेला है। मुंबई हमले के बाद दबाव की कूटनीति से भारत को जो हासिल होना था वह हो चुका और पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकतंत्र के खिलाफ अपेक्षया गंभीर कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ा। दबाव की कूटनीति की एक सीमा होती है और विनाशकारी परमाणु युद्ध कोई विकल्प नहीं हैं। इसलिए वार्ता की कूटनीति के लिए जमीन तैयार करने की जरूरत थी। ब्लूचिस्तान के जिक्र को भी थोड़ा अलग ढंग से देखना चाहिए।