ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील पर महत्वपूर्ण जानकारी बुधवार को संसद में रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर देंगे। जिसमें सौदे से जुड़े सभी तथ्य और घटनाक्रम शामिल होंगे।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में कथित दलाली को लेकर जारी हंगामे के बीच अन्य रक्षा सौदों में अहम भूमिका निभाने वाले दलालों पर सरकार की निगाहें कड़ी हो गई हैं। रक्षा सौदों में अहम भूमिका निभाने वाले कई दलालों और उनकी कंपनियों की सरकार विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच करवा रही है और उनके लेन-देन में अनियमितता पर अपनी नजर बनाए हुए है।
बागी विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त में खुद की संलिप्तता दिखाने वाली स्टिंग सीडी को अब तक फर्जी और गलत बताने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज उसमें अपनी मौजूदगी को मान लिया। हालांकि उन्होंने कहा कि यह सब भाजपा के आपराधिक षड़यंत्र का हिस्सा था और वह जेल जाने को तैयार हैं।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को इस बात का जवाब देना होगा कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में किसने कथित रिश्वत प्राप्त की। पर्रिकर ने यहां एक समारोह के इतर संवाददाताओं से कहा, विवाद का प्रश्न यह है कि अगस्ता सौदे में किसने धन लिया। सौदा होने के समय सत्ता में रहे लोगों को जवाब देना होगा।
दलाली के घने काले बादल के खतरों को देखते हुए पिछले 15 वर्षों के दौरान हर सरकार रक्षा सामग्री की खरीदी में देरी करती रही है। फिर भी बोफोर्स तोप खरीदी से लेकर अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर खरीदी के सौदे में दलाली के आरोपों ने संपूर्ण राजनीतिक व्यवस्था को हिलाकर रखा है।
जदयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संघ मुक्त भारत की आज बात करते हुए लोकतंत्र की रक्षा के लिए गैर भाजपा दलों के एकजुट होने की अपील की। गौरतलब है कि गत लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था।
भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पांच दिन की अपनी पहली चीन यात्रा पर आज रवाना होंगे। पर्रिकर की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध लगाने के भारत के प्रयास को चीन द्वारा विफल कर देने की वजह से दोनों देशों के बीच नए सिरे से तनाव आ गया है।
अमेरिका के एक शीर्ष कमांडर ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच सैन्य संबंध गहरे हुए हैं क्योंकि दोनों देशों के बलों की संयुक्त प्रशिक्षण एवं सैन्य अभ्यासों में भागीदारी में इजाफा हुआ है।