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Search Result : "रमाकांत कहानी पुरस्कार"

कैट की प्रेरणा हैं इंदिरा गांधी और सेरेना विलियम्स

कैट की प्रेरणा हैं इंदिरा गांधी और सेरेना विलियम्स

अभिनेत्री कैटरीना कैफ भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मशहूर टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स को अपने लिए प्रेरणा मानती हैं।
कड़ाई से लागू हों मानहानि के कानूनः प्रणव रॉय

कड़ाई से लागू हों मानहानि के कानूनः प्रणव रॉय

`न्यू डेल्ही टेलीविजन (एनडीटीवी)’ के एक्जीक्यूटिव को-चेयरपर्सन डॉक्टर प्रणव रॉय को प्रतिष्ठित `लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सेलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, एकेडेमिक्स एंड मैनेजमेंट- 2015’ से नवाजा गया है। `लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ का यह पुरस्कार सोमवार को आयोजित समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी. एन. खरे ने प्रदान किया। पुरस्कार के तहत उन्हें पांच लाख रुपए की राशि, एक अभिनंदन पत्र और स्मृति फलक प्रदान किए गए। इस मौके पर डॉ. प्रणव रॉय ने कहा, `सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि वह मानहानि के कानून को कड़ाई से लागू करे। मानहानि के मामले वर्षों चलते रहते हैं। जरूरत इस बात की है कि ऐसे मामलों पर त्वरित सुनवाई की जाए।’
कामकाजी पत्नी पर वैचारिक कहानी - कशमकश

कामकाजी पत्नी पर वैचारिक कहानी - कशमकश

22 जुलाई सन 1979 को, उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के नेवादा गांव में जन्म। प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा वहीं। स्नातक और परास्नातक पूर्वांचल विश्वविद्यालय से। पूर्वांचल विश्वविद्यालय से ही ‘प्राचीन भारतीय ग्राम प्रशासन में ग्राम सभाओं की भूमिका’ विषय पर पी-एच. डी.। अनेक राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं (नया ज्ञानोदय, लमही, अक्षर पर्व, पाठ, अक्सर, संवदिया, प्रेरणा, प्रसंग, आधुनिक साहित्य, एक और अंतरीप, आज समाज, नेशनल दुनिया, असुविधा ब्लॉग, शब्दांकन) में रचनाएं। (अनुवाद, वार्ता, समीक्षा, कहानी, कविता, लेख) प्रकाशित। अनभै’ पत्रिका के पुस्तक-संस्कृति विशेषांक का सम्पादन। अनेक काव्य-पाठ कार्यक्रमों एवं साहित्यिक-गोष्ठियों में भागीदारी। साहित्यिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विषयों से जुड़े अनेक राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय सेमिनारों में सक्रिय सहभागिता। साहित्य और ब्लॉग लेखन में विशेष रुचि। कहानी के लिए कलमकार सांत्वना पुरस्कार
राष्ट्रीय पुरस्कार में ‘पीकू’ ने दम लगाया हाईशा

राष्ट्रीय पुरस्कार में ‘पीकू’ ने दम लगाया हाईशा

इस बार के राष्ट्रीय पुरस्कारों में अलग हट कर बनी फिल्मों ने बाजी मारी है। दम लगा के हाईशा, पीकू और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स का पुरस्कारों की सूची में तीन महत्वपूर्ण स्थान लेना दिखाता है कि ‘ऑफ बीट’ सिनेमा का दम अब तक बरकरार है।
कहानी - दुर्गंध

कहानी - दुर्गंध

15 अगस्त, 1960 कानपुर में जन्म। तीन दशक से भी ज्यादा समय से कहानी लेखन में सक्रीय। देश की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित। आंचलिक कथाकार के रूप में पहचान। कुछ कहानियों का बांग्ला, तमिल और उर्दू में अनुवाद। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में कहानियों पर, ‘गोविंद उपाध्याय की कहानियों में सामाजिक जीवन’ शीर्षक से लघु शोध-प्रबंध। ‘बारात’ और ‘पीढ़ी’ कहानियां पाठ्य-पुस्तक में संकलित। कादम्बिनी द्वारा आयोजित साहित्यिक महोत्सव में कहानी पुरस्कृत। कथाबिंब के कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार में कहानी को उत्तम पुरस्कार। कमलेश्वर-वर्तमान साहित्य कथा पुरस्कार में कहानी चयनित एवं प्रकाशित। कई कृतियां, जिसमें से पंखहीन, समय, रेत और फूकन फूफा, सोनपरी का तीसरा अध्याय, चौथे पहर का विरह गीत, आदमी, कुत्ता और ब्रेकिंग न्यूज़, बूढ़ा आदमी और पकड़ी का पेड़ तथा नाटक तो चालू है मुख्य रूप से सराही गईं।
महाराजा कपूरथला के पड़पौत्र को फ्रांस का शीर्ष पुरस्कार

महाराजा कपूरथला के पड़पौत्र को फ्रांस का शीर्ष पुरस्कार

कपूरथला के अहलूवालिया राजवंश के वशंज टिक्का शत्रुजीत सिंह को फ्रांस का प्रतिष्ठित नाइट ऑफ लीजन ऑफ ऑर्नर से सम्मानित किया गया है। उन्हें फ्रांस की जीवन शैली और भारतीय संस्कृति के आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण योगदान दिए जाने के लिए यह सम्मान मिला है।
कहानी - फिर भी यह मन

कहानी - फिर भी यह मन

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के एक गांव सिलहटा में जन्म। बी.ए. तक की पढ़ाई गांव और गोरखपुर में। जवाहर लाल विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से हिन्दी साहित्य में एम.ए., एम.फिल और पी-एच.डी.। इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण कविता संग्रह। हिंदी के साथ-साथ भोजपुरी में भी लेखन। कुछ कविताएं अंग्रेजी, मराठी, उर्दू, उड़िया और पंजाबी में अनूदित। लंबी कविता सोनचिरई की कई नाट्य प्रस्तुतियां। आलोचना पर पुस्तकें - भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, शब्दों में समय, आलोचना का मानुष-मर्म, सर्जक का स्वप्न, विचारधारा, नए विमर्ष और समकालीन कविता, उपन्यास की परिधि। प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘उम्मीद’ का संपादन। कविता के लिए भारत भूषण अग्रवाल सम्मान और आलोचना के लिए देवीशंकर अवस्थी सम्मान सहित हिंदी अकादमी दिल्ली का ‘कृति सम्मान’, उ.प्र. हिंदी संस्थान का ‘रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार’, उ. प्र. हिंदी संस्थान का ‘विजयदेव नारायण साही पुरस्कार’, भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता का युवा पुरस्कार, डॉ. रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान और परंपरा ऋतुराज सम्मान।
रंगीले ‘राजा’ की देश छोड़कर भागने की क्या है कहानी

रंगीले ‘राजा’ की देश छोड़कर भागने की क्या है कहानी

देश के सत्रह बैकों का 7 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज चुकाए बिना यूनाइटेड ब्रेवरिज ग्रुप के चेयरमैन विजय माल्या देश छोडक़र ब्रिटेन चले गए हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट में सरकारी बैंकों के कंसोर्शियम की अर्जी पर सुनवाई हो रही थी। उसी दौरान सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने बताया कि माल्या दो मार्च को ही भारत छोड़ चुके हैं जबकि बैंकों की ओर से यह अर्जी दी गई थी कि माल्य का पासपोर्ट जब्त किया जाए और देश छोडऩे की इजाजत न मिले। इस बात को लेकर कोर्ट ने बैंकों से कहा कि वो माल्या को नोटिस भेज सकते हैं और उनके भारत आने के लिए कह सकते हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को निर्धारित की है। इसके अलावा माल्या के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉड्रिंग की जांच भी शुरू कर दी है।
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