कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश की मौजूदा सरकार में भी बल्ले-बल्ले है। कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ भाजपा नेताओं से भी उनके अच्छे संबंध है।
पाकिस्तान की सिंध विधानसभा ने आज हिंदू विवाह अधिनियम पारित कर उसे देश का ऐसा पहला प्रांत बना दिया जहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय अपनी शादियों का पंजीकरण कराएगा। हालांकि, एक प्रमुख हिंदू संगठन ने इस ऐहितासिक विधेयक से एक विवादास्पद उपबंध हटाने की मांग की है।
दिल्ली की एक अदालत ने यूनिटेक लिमिटेड के चेयरमैन और कंपनी के दो प्रबंध निदेशकों को कथित धोखाधड़ी के मामलों में आज 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लेकिन चंद घंटों के भीतर ही दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देते हुए इन्हें तीन दिन की अंतरिम जमानत दे दी है। धोखाधड़ी का यह मामला यूनिटेक से फ्लैट खरीदने वाले दो निवेशकों ने दायर किया था।
“भारतीय और विश्व सिनेमा ऐसा समुद्र है जिसमें जितने गोते लगाए जाएं, डूबते ही जाते हैं। हर साल पूरे विश्व में हजारों की संख्या में फिल्में बनती हैं, कुछ हिट होती है कुछ फ्लॉप और कुछ समय पर अंकित हो जाती है। कोई फिल्म फ्लॉप है इसका मतलब यह नहीं कि उसमें कुछ नहीं था। कभी-कभी फिल्में नहीं चलतीं और दर्शकों के दिल पर छाप छोड़ जाती हैं। कुछ खास फिल्मों की सूची आउटलुक के लिए लेखक और आलोचक अनुपमा चोपड़ा, लेखक और फिल्म इतिहासकार जय अर्जुन सिंह, फिल्मकार और आलोचक श्रीनिवास भाष्यम और फिल्म निर्देशक श्रीराम राघवन ने बनाई है। इन फिल्मों को जरूर देखिए। यह फिल्म सूची की पहली किस्त है। जानिए दूसरी किस्त में कुछ और खास फिल्में”
संसद सत्र के अंतिम दिन परमाणु ऊर्जा (संशोधन) विधेयक सहित तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी। साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि परमाणु उर्जा के क्षेत्र में बनायी जाने वाली संयुक्त उद्यम कंपनी में 49 प्रतिशत तक की भागीदारी केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की होगी।
बिसलेरी ब्रांड से बोतलबंद पानी बेचने वाली कंपनी बिसलेरी इंटरनेशनल अगले वर्ष की शुरुआत में शीतल पेय बाजार में दोबारा उतरने की संभावना तलाश रही है। इसके साथ ही कंपनी ने 2020 तक 2,000 करोड़ रुपये से अधिक कारोबार का लक्ष्य रखा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के बयान के बाद से पार्टी में दो राय बनती दिख रही है। रमेश ने यह संकेत दिया कि जब राहुल कांग्रेस की कमान संभालेंगे तो पार्टी में 60 साल से अधिक उम्र के नेताओं की भूमिका सीमित हो जाएगी।
देश के सभी कोनों से, सभी भाषाओं में एक ही आवाज उठ रही है। यह अपने आप में ऐतिहासिक परिघटना है। इससे पहले इस देश में इतने बड़े पैमाने पर लेखकों-साहित्यकारों-रंगकर्मियों ने एक साथ एक ही मुद्दे पर मिलकर आवाज नहीं उठाई थी। वे सब अलग-अलग राज्यों से, अपनी-अपनी भाषाओं में एक ही स्वर बोल रहे हैं।