मेडोना का मानना है कि हम अभी भी ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहां उम्र के आधार पर भेदभाव किया जाता है। हालांकि ऐसा सिर्फ महिलाओं के मामले में होता है, पुरूषों के मामले में नहीं।
भारत में बाल मजदूरी कोई नई बात नहीं है। प्रति वर्ष मजदूरी के नाम पर लाखों बच्चे गायब कर दिए जाते हैं। बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाले माफिया की जड़ें कमजोर करने के लिेए मौजूदा सरकार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम कराने पर रोक के लिए विधेयक ला रही है।
बच्चों के विकास में बाधा बन सकता है स्मार्ट फोन। एक नए अनुसंधान से यह पता चला है। यह उन माता-पिता के लिए चेतावनी है जो अपने बच्चों को व्यस्त रखने के लिए उऩ्हें स्मार्ट फोन थमा देते हैंं।