देश की साधारण बीमा कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में दावा निपटान में लगातार बढ़ते घाटे और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारणों से कुछ खंडों में बीमा प्रीमियम की दरें 10-15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रही हैं ताकि उनका कारोबार लाभदायक बना रहे। ब्याज दरें घटने से इन कंपनियों की निवेश आय भी प्रभावित हो रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपेक्षाकृत निम्न मुद्रास्फीति दर, राजकोषीय अनुशासन तथा व्यापक रूप से स्थिर रुपया-डॉलर विनिमय दर के साथ मामूली चालू खाता घाटे के साथ एक सूक्ष्म आर्थिक वातावरण बनाए रखा है। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आज संसद में प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा 2016-17 में कहा गया है कि वर्तमान में जारी वैश्विक मंदी के बावजूद यह मजबूती बनी रही है। आर्थिक समीक्षा की कुछ खास बातें इस प्रकार की हैं।
नोटबंदी से लाखों करोड़ रुपये के राजकोषीय तथा कर लाभ के दावों के बीच एक घरेलू ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि सरकार को इस कदम से सिर्फ 72,800 करोड़ रुपये का ही लाभ होने की संभावना है। इनमें 32,800 करोड़ रुपये करों और जुर्माने से मिलेंगे। वहीं 40,000 करोड़ रुपये भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिशेष के स्थानांतरण से मिलेंगे।
टाटा संस द्वारा साइरस मिस्त्री को टाटा स्टील के निदेशक पद से हटाने के प्रयासों के बीच मिस्त्री ने कंपनी के प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका और खास कर कंपनी के घाटे में चल रहे यूरोपीय कारोबार से निपटने के अपने तरीके का बचाव किया।
केंद्र की मोदी सरकार और उसके सक्रिय रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेलवेे को फायदा नहीं पहुंचा पा रहे हैं। रेलवे को तरक्की पर लाना तो दूर की बात प्रभुु के कार्यकाल में रेलवे की वित्तीय हालत लगातार खराब हो रही है। ताजा आंकड़ों पर नजर डालेंंगे तो आपको आश्चर्यजनक परिणाम मिलेंंगे। हाल ही में रेलवे में किराया भी बढ़ा है इसके बाद भी रेलवे को नुकसान हुआ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के होने वाले चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने आज कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था का हाल बहुत बुरा है। उन्होंने दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह डूब चुकी है।
आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने गोवा की एक सभा में कहा कि उनके पास चुनाव लड़ाने के लिए धन नहीं है। यह बात साबित करने के लिए वह अपने व्यक्तिगत बैंक खाते और पार्टी का बही खाता दिखाने को तैयार हैं। यह वही पार्टी है, जिसे दिल्ली विधानसभा में बहुत अल्प अवधि में दो बार चुनाव लड़ने के लिए देश-दुनिया से बड़े पैमाने पर चंदा मिल रहा था।
वर्षों की जद्दोजहद के बाद भारत में कर-व्यवस्था राष्ट्रीय स्तर पर एकरूपता के साथ अपनाए जाने का मार्ग खुल गया। महीनों नहीं वर्षों से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श होता रहा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों का पूंजी-आधार और मजबूत करने के लिए उन्हें और धन मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता जतायी है। जेटली ने सोमवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष में इन बैंकों को जो 18,000 करोड़ रुपये का संचयी नुकसान हुआ वह मुख्य तौर पर वसूल न किए जा सकने वाले रिण (एनपीए) के लिए ऊंचे पूंजी प्रावधान के कारण है।