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महबूबा को भाजपा की चेतावनी, शांति बहाल करो नहीं तो खुद को गठबंधन से अलग कर लेंगे

महबूबा को भाजपा की चेतावनी, शांति बहाल करो नहीं तो खुद को गठबंधन से अलग कर लेंगे

कश्मीर घाटी में हिंसा और झड़पों का दौर बीते 48 दिनों से जारी है। आतंकी बुरहान वानी के मसले के बाद हालात सामान्‍य नहीं हुए हैं। लिहाजा केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस ओर अब अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। घाटी में एक ओर जहां बीएसएफ की तैनाती कर दी गई है, वहीं अमन और शांति की बहाली के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह श्रीनगर में हैं।
देश भर में धूमधाम से मना रक्षा बंधन, बच्चों ने गृहमंत्री को बांधी राखी

देश भर में धूमधाम से मना रक्षा बंधन, बच्चों ने गृहमंत्री को बांधी राखी

भाई-बहन के प्रेम का पर्व रक्षा बंधन आज पूरे धूमधाम से मना। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े नेताओं को बच्चों ने राखी बांधी।
पीएम मोदी के बयान से कश्‍मीर में संकट और बढ़ा : चिदंबरम

पीएम मोदी के बयान से कश्‍मीर में संकट और बढ़ा : चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कश्मीर घाटी में अशांति के लिए बुधवार को पीडीपी-भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान ने इस संकट को और बढ़ाया है। चिदंबरम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पूरी तरह अराजक हो रहे हालात को लेकर वह बेहद चिंतित हैं।
राजनाथ सिंह ने कश्मीर, असम की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राजनाथ सिंह ने कश्मीर, असम की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंसा से प्रभावित जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की आज समीक्षा की और समझा जाता है कि उन्होंने नागरिकों तथा सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने की स्थिति को टालने के लिए निर्देश्‍ा दिए हैं। सिंह ने उग्रवादी हमलों के मद्देनजर असम की स्थिति की भी समीक्षा की।
सोशल मीडिया से आतंक के प्रसार को रोकेगी सरकार

सोशल मीडिया से आतंक के प्रसार को रोकेगी सरकार

आतंकवादियों द्वारा अपने दुष्प्रचार के लिए सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल करने और इससे नए खतरों के उभरने के मद्देनजर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा है कि राजग सरकार आतंकरोधी कानूनों को मजबूत करने और अंडर कवर अभियानों के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करने की तैयार कर रही है।
कश्मीर में कांटे और फूल

कश्मीर में कांटे और फूल

कश्मीर का दर्द संपूर्ण भारत समझ सकता है। जम्मू-कश्मीर को भारत के अभिन्न नाजुक अंग की तरह हर भारतीय प्यार करता है। कश्मीर की वादियां केसर और सुंदर फूलों की खुशबू के साथ गौरवशाली संस्कृति के रूप में मानी जाती है। इसलिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सोमवार को हुए विचार-विमर्श के बाद यह शुभ संकेत है कि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल की तरह वर्तमान सरकार भी कश्मीरी हितों को प्राथमिकता देकर सभी संगठनों से संवाद बढ़ाएगी।
लोकसभा में दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस ने पीएम से कहा, भाषण नहीं कार्रवाई करें

लोकसभा में दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस ने पीएम से कहा, भाषण नहीं कार्रवाई करें

दलितों पर हमले के मुद्दे की गर्माहट सोमवार को लोकसभा में महसूस की गई। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से सदन में बयान देने की मांग करते हुए न केवल अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी की बल्कि बाद में वे सदन से वाकआउट भी कर गए। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मांग की कि भाषण देने की बजाय कार्रवाई करें।
महबूबा बोलीं, कश्‍मीर पर अटल बिहारी वाजपेयी की पहल को दोहराया जाए

महबूबा बोलीं, कश्‍मीर पर अटल बिहारी वाजपेयी की पहल को दोहराया जाए

कश्मीर में तनाव के बीच सोमवार को कर्फ्यू का 31वां दिन रहा। यहां हिंसा की वारदातों में मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद कहा हैै कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में ली गई पहल को दोहराने की जरूरत है।
पाक ने सम्‍मान नहीं दिया इसलिए जल्दी लौट आए राजनाथ

पाक ने सम्‍मान नहीं दिया इसलिए जल्दी लौट आए राजनाथ

दक्षेश देशों की बैठक में शामिल होने गए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने सम्मान नहीं दिया इसलिए तय समय से पहले ही भारत रवाना हो गए। राजनाथ ने शुक्रवार को संसद में यह भी बताया कि दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की पाकिस्तान में संपन्न सातवीं बैठक के दौरान, दूरदर्शन एवं पीटीआई सहित भारतीय संवाददाताओं को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया।
आतंकी चक्रव्यूह में ‘सिंह’ की दहाड़

आतंकी चक्रव्यूह में ‘सिंह’ की दहाड़

पाकिस्तान की ऐसी दशा और आतंकी छवि कभी नहीं थी। 1965 और 1971 के युद्ध के बाद भी भारत-पाकिस्तान की वार्ताओं में कूटनीतिक शिष्टाचार एवं सम्मान प्रदर्शित होता था। अयूब खान, जिया उल हक और जनरल मुशर्रफ के सत्ताकाल में भी दिल्ली, इस्लामाबाद, लाहौर या आगरा में दोनों देशों के नेताओं के साथ कूटनीतिक गरिमा की रक्षा होती रही।
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