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Search Result : "राजनैति‍क संकट"

15 हजार सीरियाई शरणार्थियों को शरण देगा ब्रिटेन

15 हजार सीरियाई शरणार्थियों को शरण देगा ब्रिटेन

शरणार्थी संकट पर अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव के बीच ब्रिटिश सरकार ने 15,000 सीरियाई शरणार्थियों को स्वीकार करने का फैसला किया है। उधर, आॅस्ट्रिया और जर्मनी भी हंगरी सीमा पर पहुंचने वाले हजारों प्रवासियों को शरण देने के लिए तैयार हो गए हैं।
आयलान कुर्दी: शरणार्थी संकट की भयावह तस्‍वीर

आयलान कुर्दी: शरणार्थी संकट की भयावह तस्‍वीर

तुर्की जलक्षेत्र में डूबे सीरियाई बच्चे की भयावह तस्वीरों ने पूरी दुनिया में लोगों की संवेदनाओं को झकझोर दिया है। तट पर मृत पड़े मिले तीन वर्षीय आयलान कुर्दी की तस्‍वीरें इंटरनेट पर वायरल होने के साथ ही यूरोप में शरणार्थी संकट पर बहस तेज छिड़ गई है। दुनिया भर में इस संकट की चर्चा हो रही है। यह बच्चा अपने परिवार के साथ नौका में सवार होकर यूनान जा रहा था लेकिन नौका बीच में ही डूब गई। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से यह अब तक का सबसे भीषण शरणार्थी संकट बताया जा रहा है।
हुर्रियत से मुलाकात पर अड़ा पाक, एनएसए वार्ता पर संकट

हुर्रियत से मुलाकात पर अड़ा पाक, एनएसए वार्ता पर संकट

भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत के टलने के आसार लग रहे हैं क्योंकि दोनों ही पक्ष कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के मुद्दे पर उलझ गए हैं। भारत के सुझाव को दरकिनार करते हुए पाकिस्‍तान हुर्रियत नेताओं से मुलाकात पर अड़ा है।
संकट में राजपक्षे, बेटे के खिलाफ हत्या के आरोप की जांच

संकट में राजपक्षे, बेटे के खिलाफ हत्या के आरोप की जांच

श्रीलंकाई जांचकर्ताओं ने कब्र खोद कर मशहूर रग्बी खिलाड़ी का शव निकाला है ताकि उसका फॉरेंसिक परीक्षण किया जा सके। जांचकर्ताओं ने यह कदम इन आरोपों के बीच उठाया गया है कि अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के शासनकाल में उनके बेटे को बचाने के लिए जांच बंद कर दी थी। पुलिस के प्रवक्ता रूवान गुनाशेखरा ने कहा कि रग्बी खिलाड़ी वसीम थाजुद्दीन के शव को दोबारा जांच के लिए कोलंबो के देहीवेला उपनगर में कब्र खोदकर निकाला गया।
संकट में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री, चाहते हैं अग्रिम जमानत

संकट में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री, चाहते हैं अग्रिम जमानत

लुईस बर्जर रिश्वत मामले में गिरफ्तारी की आशंका के चलते गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने स्थानीय अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया है। इस मामले में अपराध शाखा कामत से दो बार पूछताछ कर चुकी है।
ग्रीस संकट: भारत कमर कस ले तो अच्छा

ग्रीस संकट: भारत कमर कस ले तो अच्छा

यह कोई लंबे चाकुओं वाली रात (नाईट ऑफ लॉन्ग नाईव्ज) नहीं थी। इस बार यह सबको पता था। यूनान के यूरोजोन से बाहर हो जाने को रोकने के लिए एक समाधान निकाल लिया जाएगा, यह और कुछ नहीं सिर्फ एक भोली भाली सोच थी। जैसे ही यूनान के अनियत मार्क्सवादी वित्त मंत्री यानिस वारूफकिस ने अपना पद छोड़ा तो स्टॉक बाजार और मुद्रा विनीमय केंद्र को समझ में ही नहीं आया कि कैसी प्रतिक्रिया दें, राहत मिलने की या घबराहट या गुस्से और खुशी वाली कि सबसे बुरा दौर खत्म हो गया है।
बेलआउट की शर्तों को ग्रीस ने नकारा, शेयर बाजारों में खलबली

बेलआउट की शर्तों को ग्रीस ने नकारा, शेयर बाजारों में खलबली

यूनान की जनता ने अंतरराष्‍ट्रीय अार्थिक मदद (बेलआउट पैकेज) की शर्तों को जनमत संग्रह में जोरदार तरीके से ठुकरा दिया है। इसके साथ ही यूनान और यूरोप की साझा मुद्रा के भविष्‍य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज के बदले खर्चों में कटौती की शर्तों को यूनान के 61 फीसदी लोगों ने 'ना' पर मुहर लगाकर नकार दिया। इस फैसले के बाद यूनान के यूरोजोन से बाहर होने की आशंका बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज की शर्तों के खारिज होने का सीधा मतलब है कि आईएमएफ और यूरो‍पीय संघ से कर्ज के लिए चल रही यूनान की वार्ता को झटका लगेगा।
यूनान संकट: भारत और दुनिया के लिए सबक

यूनान संकट: भारत और दुनिया के लिए सबक

जहां तक यूनान के मौजूदा संकट का सवाल है, इससे जुड़े मजाक की भी अपनी-अपनी विचारधाराएं हैं। एक प्रचलित चुटकुले का पूंजीवादी संस्करण इस प्रकार है। डच होने की पहचान यह है कि एक रेस्तरां में एक टेबल पर साथ में खाना खाए लोग मिलकर बिल का भुगतान करते हैं जबकि ग्रीक होने का मतलब है खाना खा लेने और शराब पी लेने के बाद जब सभी उठते हैं तो पता चलता है कि बिल देने के लिए किसी के पास पैसे नहीं हैं। इसी लतीफे का समाजवादी संस्करण यह है कि जिन लोगों ने खाने का आर्डर दिया है उन्हें पता चलता है कि उनका खाना रेस्‍तरां का मालिक खा गया और अब बिल उनको भरना है।
आधी आबादी मजदूर, लेकिन अति वंचित 1% से कम?

आधी आबादी मजदूर, लेकिन अति वंचित 1% से कम?

केंद्र सरकार ने लंबे इंतजार के बाद सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के कुछ आंकड़े जारी किए हैं। हालांकि, जाति से जुड़े आंकड़ों का अभी भी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन ग्रामीण भारत से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आए हैं। इनमें से कुछ आंकड़े काफी विवादस्‍पद नजर आते हैं। नतीजों को सार्वजनिक करने में देरी और आपत्तियों की सुनवाई को लेकर यह जनगणना पहले ही सवालों से घिरी है। जानिए देश के 640 जिलों में हुई सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना ग्रामीण भारत की कैसी तस्‍वीर पेश करती है-
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