‘वो स्वाइप करके उतर गई मेरे दिल में’ सुदीप नगरकर के अंग्रेजी उपन्यास नॉवेल ‘शी स्वाइप्ड राइट इनटू माय हार्ट’ का हिंदी अनुवाद है। नगरकर पहले से ही रोमांटिक नॉवेल्स के कारण जाने-पहचाने नाम बन चुके हैं। ये नॉवेल भी प्रेम कहानी है जो दोस्ती की चाशनी में भीगी हुई है।
टाटा समूह की प्रमुख धारक कंपनी टाटा संस ने पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री पर हमला बोलते हुए उन पर समूह का भरोसा तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि वे समूह की प्रमुख कारोबारी कंपनियों पर अपना नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे थे।
टाटा समूह के चेयरमैन पद सेे हटाए गए साइरस मिस्त्री फिलहाल टाटा समूह में अपनी बाकी जगहों पर डटे हुए हैं और वह समूह की कारोबारी कंपनियों के चेयरमैन पद पर बने रहना चाहते हैं। इन कंपनियों में टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और टाटा मोटर्स जैसे कई नाम शामिल जहां वह इस समय प्रमुख के पद पर हैं।
टाटा संस के चेयरमैन के पद से सायरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद समूह उनके उत्तराधिकारी की तलाश कर रहा है। इसी क्रम में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के पूर्व वाइस चेयरमैन एस. रामादुरई का नाम टाटा संस के चेयरमैन पद के लिए में सामने आया है।
बॉलीवुड कलाकार राजपाल यादव अब राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने सर्व सम्भाव पार्टी (एसएसपी) के नाम से नई पार्टी बनाई है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेेगी। विवाद की बजाय संवाद की राजनीति करने का दावा कर रहे राजपाल यादव ने आगे कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे, लेकिन हमारा अंदाज अलग होगा। हम देश और समाज को बताएंगे कि राजनीति कैसे की जाती है। लोकतंत्र किस तरीके से मजबूत और पुख्ता होता है।
देश की अग्रणी उद्योग समूह टाटा संस ने एक आश्चर्यजनक घटना क्रम के तहत साइरस मिस्त्री को आज कंपनी के चेयरमैन पद से हटा दिया। कंपनी के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को कंपनी के चेयरमैन का अंतरिम प्रभार दिया गया है।
बचपन सभी का सुनहरा होता है। इसी बचपन की यादों का पिटारा जब शब्दों में सहेज लिया जाता है तो किताब बन जाता है। ऐसी ही एक किताब है आर के नारायण की। उनके बचपन के संस्मरणों पर आधारित इस किताब का नाम है, मेरी जीवन गाथा।
राजस्थान के स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने आज यहां स्थित हिंगोनिया गौशाला का दौरा किया। हिंगोनिया गौशाला में पिछले दो सप्ताह में कथित रूप से पांच सौ से अधिक गायों की मौत को लेकर सरकार कठघरे में है।
अपने जीवन में 61 फाइटिंग में से सिर्फ पांच में हारने वाले जाने माने मुक्केबाज 'द ग्रेट' मोहम्मद अली जिंदगी की जंग में पार्किन्संस से हार गए। 74 साल के अली सांस की तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। उनका अमेरिका के लास एंजिल्स में निधन हो गया। अली को पार्किनसन की बीमारी की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी।