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भाजपा राज में गौशाला में मरी 500 गाएं, हंगामे से जागी सरकार

भाजपा राज में गौशाला में मरी 500 गाएं, हंगामे से जागी सरकार

राजस्थान के स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने आज यहां स्थित हिंगोनिया गौशाला का दौरा किया। हिंगोनिया गौशाला में पिछले दो सप्ताह में कथित रूप से पांच सौ से अधिक गायों की मौत को लेकर सरकार कठघरे में है।
जाने-माने हास्य अभिनेता रज्जाक खान का निधन

जाने-माने हास्य अभिनेता रज्जाक खान का निधन

हेराफेरी, राजा हिंदुस्तानी और बादशाह जैसी फिल्मों में अपने हास्य से लोगों का दिल जीतने वाले वरिष्ठ हास्य अभिनेता रज्जाक खान अब इस दुनिया में नहीं रहे। बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में उनका निधन हो गया।
रस्किन की कहानियां

रस्किन की कहानियां

रस्किन बॉन्ड ऐसे लेखक हैं, जिनकी रचनाओं को हर उम्र के लोग चाव से पढ़ते हैं। इसकी मुख्य वजह उनकी कहानियों में पठनीयता का होना है। कहानियों का स्वतः प्रवाह, रोचकता के साथ प्रकृति से जुड़ाव को अनूठी शैली में रचने का उनका अपना अंदाज है।
मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

हर व्यक्ति का अपना एक अतीत होता है। बल्कि कहना गलत न होगा कि हमारा वर्तमान हमारे अतीत की नींव पर टिका होता है। ऐसे में अगर हमारे भीतर से अतीत विस्मृत हो जाए तो हमारा पूरा वजूद डावांडोल होने लगता है। हम अपनी पहचान के संकट से आक्रांत हो उठते हैं। ऐसे में किसी संवेदनशील व्यक्ति का अपने अतीत की तहों में उतरकर स्मृतियों के रेशे तलाशना स्वाभाविक है।
जीवन के आयामों का आइना पॉल की तीर्थयात्रा

जीवन के आयामों का आइना पॉल की तीर्थयात्रा

तरक्की के इस दौर में, सभ्यता और आधुनिकता के बीच तालमेल बनाने की होड़ मची हुई है। इस दौर में परिवारों का ढांचा भी बदल गया है। संयुक्त परिवारों की जटिलताओं के दौर से निकलने के बाद तरक्की पसंद लोगों ने एकल परिवार की नई परिकल्पना संसार को दी थी।
मुट्ठी के मुहाने पर तरक्की का आसमान

मुट्ठी के मुहाने पर तरक्की का आसमान

‘शाश्वत विकास से हरियाली, स्वच्छ वातावरण, सभी के लिए समृद्धि, युद्ध के भयरहित शांति और विश्व में सभी देशों में सभी नागरिकों के लिए खुशनुमा स्थान को प्राप्त करने का सामर्थ्य मिलता है।’ स्वर्गीय डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के यही वे आखिरी शब्द हैं जो उन्होंने 17 जुलाई 2015 को शिलांग के एक व्याख्यान में कहे थे।
भारतीय पौराणिक कथाएं

भारतीय पौराणिक कथाएं

डॉक्टर देवदत्त पट्टनायक भारतीय पुराणों, उपनिषदों पर लगातार काम करते रहे हैं। जल्द ही उनकी दो नई पुस्तकें इसी विधा पर आने वाली हैं। अपनी पुस्तक में वह उन कथाओं को समेटते हैं, जो अब लोगों के मस्तिष्क से मिट गई हैं। मिथक और पौराणिक कहानियों के बीच वह संतुलन बनाते हुए कालातीत हुए किस्से लिखना उनकी खूबी है। उनकी पुस्तक भारतीय पौराणिक कथाएं के अध्याय 3 – पुराकथा-निर्माण : पुराकथाओं का रूपान्तरण के अंश।
समाज का चितेरा

समाज का चितेरा

सामाजिक ताना-बाना समझना किसी के लिए भी आसान नहीं है। इस जटिलता को भी असगर वजाहत ने बहुत अच्छी तरह न सिर्फ समझा बल्कि उसे बयान करने का शिल्प भी कमाल का है। यह शब्द जाने-माने साहित्यकार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के हैं, जो उन्होंने असगर वजाहत की कहानियों को पढ़ने के बाद कहे थे।
मृदुला गर्ग की बेगानी दास्तानें

मृदुला गर्ग की बेगानी दास्तानें

‘निर्वासन मर्जी से हो या जबरदस्ती, देश से आप खुद निकलें या निकाले गए हों, इसका दर्द और विसंगत स्थितियों से उत्पन्न दुविधा उसके प्रभाव को एकपक्षीय नहीं रहने देती। किसी अनजान मुल्क की तमीज-तहजीब सीखने और उसकी संस्कृति में रचने-बसने की कोशिश, खासी त्रासदायी होती है। विडंबना और विसंगतियों से भरी।’
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